श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम हेतु अयोध्या से पधारे पुनीत अक्षत कलश का पूजन


देवास। श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के निमित अयोध्या से पधारे पुनीत अक्षत कलश का पूजन एवं वितरण का कार्यक्रम स्थानीय जवाहर चौक में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा प्रभु श्री राम जी एवं भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ववलन कर हुआ इस अवसर पर बड़ी संख्या में राम भक्त उपस्थित थे।
मुख्य अतिथि के रूप में नारायण कुटी आश्रम के स्वामी श्री सुरेशानंद तीर्थ जी महाराज एवं मुख्यवक्ता विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष श्री हुकुमचंद जी सावला रहे। स्वामी श्री सुरेशानंद तीर्थ जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि श्री राम के जीवन चरित्र को अपने जीवन में उतारना,श्री राम के आदर्श को पालन करते हुए समाज एवं देश को दिशा देनी है। मुख्ता वक्ता के रूप मे श्री सांवला जी ने सभा को सम्बोधित करते हुए श्री रामजन्मभूमि के इतिहास का वर्णन बताया कि किस प्रकार से विक्रमादित्य महाराज ने अयोध्या में सरयू तट पर श्री रामजन्मभूमि की खोज करके वहां पर एक भव्य मंदिर का निर्माण किया था। एवं किस प्रकार से 1528 में विदेशी आक्रांता बाबर ने 70 दिन लंबे चले युद्ध के बाद उसे मंदिर को तोप के गोले से विध्वंस कर एक अवैध ढांचे का निर्माण किया था।उसके बाद से वर्तमान काल तक कुल 76 युद्ध राम भक्तों ने श्री राम जन्मभूमि के लिए लड़े जिसमें हजारों राम भक्तों ने अपने प्राणों की आहुति दी। इतने विकट संघर्षों के बाद भी राम भक्तों ने श्री राम लाल के जन्म भूमि को वापस पाने के लिए संघर्षरत रहे। आपने 22 दिसंबर 1949 को जन्मभूमि पर श्री राम लला के प्रकट होने का व्रतांत भी बताया।
आपने सभी राम भक्तों से आग्रह किया कि जिस प्रकार श्री राम जी अधर्म का नाश करके अयोध्या पधारे थे,उसी प्रकार आप भी अयोध्या पधारे तो अधर्म का नाश करके ही पधारे। श्री सांवला ने श्री राम लला के प्राण प्रतिष्ठा के संबंध में बताया की श्री राम लला की 51 इंच ऊंची प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होगी,इस अनुष्ठान में 17 जनवरी को श्री रामलला सरयू स्नान करेंगे,प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर 160 देश से लाये गए जल एवं मिट्टी से श्री रामलला का अभिषेक होगा।इस अवसर पर अनेक देश के प्रतिनिधि सम्मिलित होंगे साथ ही इस भव्य आयोजन को 60 से अधिक देशों में सीधे प्रसारण के रूप में दिखाया जाएगा। श्री सावला जी ने सभी राम भक्तों से आग्रह किया कि 22 जनवरी को वे पूर्ण भक्ति भाव से अपने-अपने मोहल्ले, गांव,बस्ती के मंदिरों में उत्सव के रूप इस भव्य आयोजन को रामलला के भजन गाते हुए देखे। आपने आगे कहा कि किस प्रकार से भारत में मंदिर अर्थव्यवस्था एवं रोजगार के केंद्र बिंदु हैं। भारत की जीडीपी में ढाई परसेंट से अधिक योगदान मंदिरों का है, देश में समरसता का प्रमुख केंद्र बिंदु भी मंदिर ही होते हैं। इस अवसर पर अयोध्या से पूजित अक्षत कलश का पूजन किया गया एवं इन अक्षत कलश को देवास नगर की 32 बस्तियां एवं देवास जिले के खंडों के प्रतिनिधियों को हस्तांतरित किया। सभी राम भक्त पूजित अक्षत कलशो को अपने सर पर रखते हुए शोभायात्रा के रूप में देवास के प्रमुख मार्गो से निकले। शोभा यात्रा में अखाड़ों का प्रदर्शन,मातृशक्तियों द्वारा मंगल गीत,राम भक्तों द्वारा भजन एवं छोटे-छोटे बच्चे राम दरबार की वेशभूषा में आकर्षण का केंद्र रहे। यह अक्षत कलश सभी बस्तियों में एवं खंडों में शोभायात्रा के रूप में पहुंचे जहां पर 31 दिसंबर तक प्रमुख मंदिरों पर रखा जाएगा। आगामी 01जनवरी से राम भक्त इन पूजित अक्षतो को घर-घर ले जाकर श्री राम लला के प्राण प्रतिष्ठा का आमंत्रण देंगे।

Post Author: Vijendra Upadhyay