देवास। लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों पर लगाये जा रहे संधारण शुल्क व संपत्ति कर के विरोध में लघु उद्योग भारती देवास इकाई द्वारा मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि एक तरफ तो सरकार लघु/सूक्ष्म उद्योगों बढ़ावा देने की बात कर रही है, दूसरी ओर इस प्रकार के लगाये जा रहे करों से कहीं न कहीं छोटे उद्यमियों को मानसिक और आर्थिक बोझ से दबाया जा रहा है। जीएसटी के पहले लघु/सूक्ष्म उद्योगों के 1.5 करोड़ के सालाना टर्नओवर तक विशेष रियायत दी गई थी जो कि अब हटा ली गई है, इससे लघु उद्योगों पर काफी भार पड़ा है। आज प्रतिस्पर्धा के दौर में वैसे ही किसी भी उद्योग का संचालन करना कठिन हो चला है। उस पर असामयिक लगाए जा रहे करों से कही न कही उद्योगों पर प्रभाव पड़ रहा है, जिससे कई उद्योग बंद होने की कगार पर है। ज्ञापन का वाचन प्रदेश अध्यक्ष समीर मुदड़ा ने किया। इस अवसर पर सतीश मुकाती, संजय तलाटी, रेवंत राजोले, मिलिंद सोलंकी, प्रतीक गुप्ता, मुकेश वर्मा, किशोरसिंह राजपूत आदि उपस्थित थे। उक्त जानकारी मीडिया प्रभारी नितिन सोनी ने दी।
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