प्रभु श्रीरामजी की भव्य बारात निकली

श्रीराम विवाह ही भारतीय संस्कृति का पाणी ग्रहण संस्कार बना हुआ है- मझले मुरारी बापू
देवास। प्रभु श्रीराम मर्यादा पुरूषोत्तम राम है, रघुकुल के रीति रिवाज के साथ प्रभु श्रीराम का विवाह सीता से जिन वैदिक पद्धति से हुआ वह आज भी हमारी भारतीय संस्कृति का पाणिग्रहण संस्कार बना हुआ है। उस संस्कृति एवं संस्कार से किया गया विवाह ही अतिशुभ माना जाता है। यह आध्यात्मिक विचार चैत्री नवरात्रि पर्व पर माँ कैलादेवी मंदिर उत्सव समिति द्वारा आयोजित श्रीराम कथा में भगवान श्री राम के विवाह प्रसंग में रामकथाचार्य मझले मुरारी बापू ने कहे। कथा प्रसंग में प्रभु श्रीराम द्वारा ताड़का वध, मारिच, सुबाहु राक्षक वध की कथा सुनाते हुए कहा कि विश्वामित्र द्वारा किए जाने वाले यज्ञ की रक्षा प्रभु श्रीराम एवं लक्षमण द्वारा की गइ थी। सतकर्मो से किए जाने वाले यज्ञ की रक्षा स्वयं परमात्मा करते हैं। आपने कहा कि दूसरों के सत्कर्म एवं धर्म में बाधा उत्पन्न करने वाला ही राक्षस होता है।
प्रभु के चरण रज से पत्थर नारी बन जाता है, गौतम नारी अहिल्या श्रापित होकर शिला बन चुकी थी। भगवान राम के चरण छूने से वह श्राप से मुक्त हो गई। ऐसे में अगर प्रभु श्रीराम पत्थर पर चरण रखते है तो उनकी मर्यादा नष्ट हो जाती है। राम ने शिला पर चरण नहीं रखा उसके पास पहुंचे तो हवा के द्वारा उनके चरण की धूल शिला पर गिरने से अहिल्या ने पुन: नारी का रूप धारण कर लिया। श्रीराम के दर्शन की पिपासा वाली नारियां अगले जनम में गोपियां बनी। जब प्रभु श्रीराम जनकपुरी का भ्रमण करने गए उस दृष्टांत को बहुत ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रभु श्रीराम एवं लक्षमण ने नगर भ्रमण करते समय अपनी गर्दन को उंचा नहीं किया उनके दर्शन के लिये प्यासी नारियों की पिपासा पूरी नहीं हुई तो प्रभु श्रीराम ने उन्हें वरदान दिया था कि अगले श्रीकृष्ण अवतार में आप गोपियां बनेंगी और मैं आपके साथ रहूंगा। कथा में भागीरथ द्वारा पृथ्वी पर गंगा को लाने की भक्ति का वर्णन किया गया। बारात में मुख्यरूप से मन्नुलाल गर्ग, जयसिंह ठाकुर, दीपक गर्ग, रमण शर्मा, सत्यनारायण अग्रवाल, अजबसिंह ठाकुर, राजेश खत्री, दिनेश मिश्रा, प्रहलाद अग्रवाल, ओ.पी. तापडिया, ब्रजमोहन अग्रवाल, हरीश अग्रवाल, राजेश अग्रवाल, ओमप्रकाश शर्मा, अशोक सिंघल, सुनील अग्रवाल, कमल गर्ग इंदौर, राजेन्द्र धानुजा, दीपचंद अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में बाराती शामिल थे। जनक पक्ष की ओर से सुशील गर्ग, अनामिका गर्ग, कविता मंगल, संगीता अग्रवाल, अंकिता अग्रवाल, निकिता अग्रवाल थी। सीता स्वयंवर की सुंदर झांकी में राम की भूमिका जान्हवी गर्ग, लक्षमण की भूमिका राधिका अग्रवाल और सीता यशस्वी मंगल बनी।

Post Author: Vijendra Upadhyay

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