देवास। मेवाड़ का शौर्य संस्कृति और इतिहास से परिचय कराने के लिए शानदार मंचन के जरिये विद्यालयीन बच्चों ने प्रस्तुति देकर उपस्थितजनों को मंत्र मुग्ध कर दिया। मेवाड का इतिहास, बप्पा रावल की काबुल विजय, एकलिंग आराधना हो या रानी पद्मावती का जौहर, मीरा की कृष्ण भक्ति हो या पन्ना धाय का पुत्र बलिदान, हल्दीघाटी का युद्ध हो या चेतक का बलिदान सभी द़ृश्यों का मंचन अद्भुत था। यह सब देखने को मिला देवास के मुखर्जी नगर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर सीबीएसई में, जहां विद्यालय के उत्सवाचरण के इस कार्यक्रम में करीब 1000 बच्चों ने शानदार प्रस्तुति देकर मेवाड के इतिहास को मंच पर अवतरित कर दिया। इस कार्यक्रम में 5000 दर्शकों ने उपस्थित होकर कार्यक्रम का लाभ उठाया।
विद्यालय की प्राचार्य इंदिरा शर्मा ने बताया कि इस ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम में विद्यालय के बच्चे और शिक्षक शिक्षिकाओं ने महीनों की कड़ी मेहनत की है। यहां तक कि पूरे कार्यक्रम की ऐतिहासिक पटकथा का लेखन भी विद्यालय परिवार द्वारा किया गया है। संगीत और नृत्यमयी मंचन के लिए बच्चों ने खूब अभ्यास किया। वार्षिकोत्सव में इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में मनोरंजन के साथ हमारे देश की शौर्य गाथा और इतिहास से भली भांति परिचित कराना है। इस भव्य कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विद्याभारती अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री श्रीराम अरावकर, मध्यक्षेत्र के शारीरिक शिक्षण प्रमुख झारखण्ड एवं बिहार में प्रचारक रहे वर्तमान में मध्यक्षेत्र के शारीरिक प्रमुख जितेन्द्रसिंह पंवार, मालवा प्रांत केे अध्यक्ष पद्मनारायण दुबे, सह प्रांत प्रमुख पंकज पंवार, विभाग समन्वयक हिम्मतसिंह जामलिया, देवास जिला प्रतिनिधि देवकृष्ण व्यास, समिति अध्यक्ष अरूणेन्द्र सोनी, कोषाध्यक्ष नरेन्द्र मुकाती, राधेश्याम मुकाती, डॉ. सुरेश ठाकुर उपस्थित थे।
अतिथि परिचय प्राचार्य इंदिरा शर्मा ने दिया। कार्यक्रम की भूमिका एवं प्रतिवेदन विद्यालय के व्यवस्थापक जयशंकर शर्मा ने प्रस्तुत किया।