नागपुर में लघु उद्योग भारती का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया गया। जिसमें भारत के कश्मीर से कन्याकुमारी तक के हजारो उद्यमियों ने हिस्सा लिया।
यह अधिवेशन 16 से 18 अगस्त तक का रखा गया था। राष्ट्रीय अधिवेशन सभी उद्यमियों के लिये एक सुनहरा अवसर था जहाँ पर उद्यमियों ने अपने -अपने क्षेत्र की संभावना व आज की मार्केट की स्थिति को समझा व जाना। साथ ही आने वाले समय मे उद्योगों में होने वाले बदलाव व सम्भावना को तलाशा।
अधिवेशन के उदघाटन समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत थे। जिन्होंने कहा कि देश की आर्थिक स्वतंत्रता तथा समाज के स्वावलंबन की प्राप्ती के लिये बड़ी संख्या में लघु उद्योग करने की आवश्यकता है।
वही दूसरे दिन मुख्य अतिथि के रूप में मा. मंत्री नितिन गड़करी जी थे, जिन्होंने उद्योगों में आने वाले बदलाव पर प्रकाश डाला तथा मेड इन इंडिया के महत्व को समझाया व आने वाले समय मे भारत की स्थिति को बताया।
साथ ही अधिवेशन के तीसरे दिन मुख्य वक्ता के रूप में मा. सह सरकार्यवाह रा. स्व. संघ के डॉ. कृष्णगोपाल थे, जिन्होंने बताया कि भारत का उद्यमी चायना की तरह सरकार द्वारा निर्मित उद्यमी नहीं है वह नित नई समस्याओं का सामना कर उद्योग चलाता है और आने वाली पीढ़ी को भी कम उम्र से ही उद्योग की बारीकियां सिखाता है। साथ ही उद्यमियों को आने वाली मूल समस्याओं से माननीय मंत्री महोदय को अवगत कराया।
अधिवेशन में वार्षिक सर्व साधारण सभा रख कर नई कार्यकरणी की घोषणा भी की गई। जिसमें देवास के समीर मूंदडा को राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया गया। जो कि देवास इकाई के लिये गर्व की बात है। अधिवेशन का समापन राष्ट्रीय गान के साथ हुआ।
यह जानकारी विजेंद्र उपाध्याय ने दी।