डरने की कोई जरूरत नहीं परम पुरुष हमारे साथ हैं-आचार्य विश्वदेवानंद अवधूत

  • परम पुरुष के बाहर में और कोई दूसरी सत्ता नहीं है क्योंकि सब कुछ उनकी मानस कल्पना है

देवास।  दुनिया का हर मनुष्य वीआईपी है क्यों की परम पुरुष एक पिता के बेटे 500 जाति के नहीं हो सकते जो परम पुरुष को मानते हैं वह जात-पात के भेदभाव को नहीं मानेंगे तो उत्पत्ति उन्हीं से और देखेंगे की स्थिति भी उन्हीं में उनके मन के भीतर ही हम किसी भी हालत में अलग नहीं। आनंद मार्ग प्रचारक संघ जिला देवास के भुक्ति प्रधान दीपसिंह तंवर ने बताया कि देवास जिले एवं उसके आसपास के जिलों इंदौर उज्जैन, सीहोर, भोपाल, होशंगाबाद के लगभग 2000 से भी ज्यादा आनंद मार्गी बिहार ,जमालपुर बाबा नगर में तीन दिवसीय धर्म महासम्मेलन में भाग ले रहे हैं जो लोग इस धर्म महा सम्मेलन में शारीरिक रूप से सम्मिलित नहीं हो पाए हैं वह घर बैठे भी वेब टेलीकास्ट के माध्यम से मोबाइल एवं लैपटॉप पर धर्म महासम्मेलन का आनंद ले रहे हैं। आनंद मार्ग प्रचारक संघ की ओर से बाबा नगर, जमालपुर,अमझर के आनंद संभूति मास्टर यूनिट में  तीन दिवसीय धर्म महासम्मेलन के प्रथम दिन  देश के विभिन्न भागों से भक्तों के आने का तांता लगा हुआ है।  साधक साधिकाओं ने ब्रह्म मुहूर्त में गुरु सकाश, पाञ्चजन्य एवं योगासन का अभ्यास अनुभवी आचार्य के निर्देशन में किया। आचार्य शांतव्रतानन्द अवधूत ने बताया कि संध्याकाल में सामूहिक धर्म चक्र किया गया आनंद मार्ग प्रचारक संघ के पुरोधा प्रमुख श्रद्धेय आचार्य विश्वदेवानंद अवधूत ने  प्रवचन में कहा कि डरने की कोई जरूरत नहीं परम पुरुष हमारे साथ हैं। परम पुरुष के बाहर में और कोई दूसरी सत्ता नहीं है क्योंकि सब कुछ उनकी मानस कल्पना है । इसलिए उनके लिए सिर्फ एक ही जगह है उनके बाहर में कुछ नहीं है कोई मनुष्य अगर चाहे कि में परमात्मा के परम पुरुष के मन के बाहर चला जाऊं बाहर रहूं नहीं हो सकेगा क्योंकि बाहर कुछ है ही नहीं। यह बात भी हम लोगों को मालूम होना चाहिए कि परम पुरुष अगर चाहे तो भी किसी से वह नहीं कह सकेंगे कि तुम बाहर चले जाओ क्योंकि सब कुछ उनके भीतर है। अगर वह व्यक्ति बाहर चला जाए तो इसका माने उनके बाद भी कुछ है किंतु उनके बाहर कुछ नहीं है इसलिए परम पुरुष किसी को तुम चले जाओ कह नहीं सकते इसका माने हुआ अपने मन के भीतर सबको रखना उनके लिए फर्ज है। हमारी पैदाइशी परम पुरुष से हुई है परम पुरुष पिता है, परम पुरुष रिश्ता है, इसलिए कोई भी मनुष्य छोटे नहीं है कोई भी मनुष्य छोटी जात के नहीं है कोई भी मनुष्य ऊंची जात के भी नहीं है सब के पिता एक हैं सब समान है कोई छोटे नहीं कोई बड़े नहीं दुनिया का हर मनुष्य बीआईपी है क्यों परम पुरुष उनके पिता है इसलिए कोई छोटा नहीं हो सकता। इस पृथ्वी पर कोई भी घृणा योग्य नहीं सभी परम पुरुष की संतान है। उक्त जानकारी हेमेन्द्र निगम ने दी।

Post Author: Vijendra Upadhyay