कहानी जो सीख दे…
एक रात मेजर अपने 15 जवानो की टुकड़ी के साथ बार्डर पर दूसरी चौकी पर 3 माह के लिय जाना था, चुकी रात का समय था बर्फ भी गिर रही थी।
सभी को चाय पीने की इच्छा हुई पर रात के समय दूर तक कोई चाय की दुकान नही थी..कुछ दूर जाने के बाद उन्हें एक टूटी फूटी चाय की दुकान दिखाई दी पर उसमें ताला लगा था।
तभी एक जवान ने ताला तोड़ कर चाय बनानी चाही…ठंड बहुत थी इस वजह से मेजर साहब भी मना न कर पाये …सभी ने चाय बना कर पी ओर उसमे रखे बिस्किट भी खाये…फिर सभी आगे बढ़ने लगे…पर मेजर साहब को यह ठीक ना लगा तो उन्होंने अपनी जेब से 1000₹ निकल कर उस दुकान के गल्ले में रख दिये।
3 माह बाद उन सभी का वापिस वही से लौटना हुआ, वो दिन का समय था। सभी उसी चाय की दुकान पर गये वहा पर बुड्ढे बाबा चाय बना रहे थे। तभी एक जवान ने बुड्ढे बाबा से पूछा आपने यहाँ इतनी दूर चाय की दुकान क्यो लगाई आपको यहाँ डर नही लगता….
बाबा ने जवाब दिया सब यहां भगवान भरोसे है ओर वो साथ है तो कुछ नही हो सकता।
तभी जवान ने पूछा केसे, तब बाबा ने बताया की
एक रात को मेरे बेटे को कुछ आंतकवादियो ने मारा था जब मेरे पास उसके इलाज के पैसे नही थे, ओर आतंक वादियो के डर से किसी ने मेरी मदद नही की।
में दौड़ते हुए अपनी दुकान आया तो, यहाँ आते देखा की किसी ने मेरी दुकान का ताला तोड़ दिया तब मुझे लगा में तो पूरा ही लूट गया हु। लेकिन जैसे ही गल्ले पर मेरी निगाह पड़ी मुझे 1000₹ मिले उससे मेने अपने बच्चे का इलाज करवाया । उस दिन मेरी भगवान ने सहायता की थी।
तब से में भगवान के भरोसे बैठा हु, जवान कुछ बोलते उससे पहले मेजर साहब ने उन्हें इशारो से चुप रहने को बोल दिया।
फिर मेजर साहब ने अपना बिल चुका कर बाबा को गले लगा लिया।
हम भी इस कहानी से सीखले ओर दुसरो की सहायता कर किसी के लिये भगवान बने।