आतंकवाद के कारण घाटी छोड़ चुके करीबी 300 कश्मीरी पंडितों को एक बार फिर अपनी मिट्टी से जुड़ने का मौका मिला है। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने श्रीनगर के पास खीर भवानी मां के दर्शन के लिए इन लोगों को न्योता दिया है। यात्रा पर जा रहे कुछ के लिए यह किसी सपने के सच होने जैसा है, वहीं कुछ इसे घर वापसी के प्रयास के पहले कदम के तौर पर देख रहे हैं।
कश्मीरी पंडितों की सात लाख की आबादी को 19 जनवरी 1990 भुलाए नहीं भूलता। करीब 30 साल पहले कश्मीर से विस्थापित हुईं दीपिका भान भावुक होकर कहती हैं कि फिलहाल अभी यह हमारी घर वापसी नहीं हो, लेकिन हमारे लिए उम्मीद की किरण है। मां भवानी का दर्शन करना बेहद खुशी का पल है। यह आध्यात्मिक यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कश्मीर की युवा पीढ़ी ने कश्मीरी पंडितों को नहीं देखा है। वे कभी हमारे साथ नहीं रहे हैं।