रेलवे के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा

काशी महाकाल एक्सप्रेस में : Coach B4, Seat no.64 ‘महाकाल’ भगवान शिव के लिए किया गया रिजर्व

यह एक्सप्रेस दो राज्यों के तीन ज्योतिर्लिंगों की यात्रा करेगा। यह ट्रेन इंदौर के निकट ओंकारेश्वर, उज्जैन में महाकालेश्वर और वाराणसी में काशी विश्वनाथ को जोड़ेगी।

एसी-3 श्रेणी के सभी कोच में हर समय ऊं नम: शिवाय मंत्र बजता रहता है। इस मंत्र समेत भगवान शिव के अन्य भजनों की धुन भी बजती रहती है। इसमें बैठने पर एहसास होगा कि यह ट्रेन काशी विश्वनाथ से महाकालेश्वर के दर्शन कराने जा रही है।

पहले दिन कोच बी-5 में साइड अपर सीट में भगवान शिव का छोटा सा मंदिर भी बनाया गया और इसमें भजन कीर्तन वाली टोली भी शामिल रही। इसके अलावा इसमें यात्रियों का स्वागत करने के लिए भगवा-पीले वस्त्र धारण किए पुरुष ट्रेन होस्ट मौजूद रहे। वहीं, तेजस एक्सप्रेस में महिला ट्रेन होस्टेस हैं।

एक सीट भगवान शिव के लिए आरक्षित और खाली रखी गई है। सीट पर एक मंदिर भी बनाया गया है ताकि लोग इस बात से अवगत हों कि यह सीट मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल के लिए है। रेलवे ऐसा स्थायी तौर पर करने के लिए विचार कर रहा है।
साभार सोशल मीडिया

Post Author: Vijendra Upadhyay

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