रिसर्च केवल संस्थान की पहचान नहीं बल्कि दुनिया में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाती है

रिसर्च केवल संस्थान की पहचान नहीं बल्कि दुनिया में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाती है

मेडिकल रिसर्च वही माध्यम है, जिससे डॉक्टर समाज को नई राह दिखा सकते

 मालवांचल और अमलतास यूनिवर्सिटी द्वारा दो दिवसीय रिसर्च मेथडोलॉजी वर्कशॉप का आयोजन

इंदौर। मालवांचल और अमलतास यूनिवर्सिटी द्वारा बीमारियों की वजह तलाशने के लिए दो दिवसीय द्वितीय रिसर्च मेथडोलॉजी वर्कशॉप का आयोजन किया गया है। इंडेक्स मेडिकल कॉलेज में आयोजित वर्कशॉप देशभर से आए विख्यात डॉक्टरों ने नए विचारों पर सोचने, समाज के लिए उपयोगी रिसर्च करने और नीति निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित किया। कार्यशाला में विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को रिसर्च की बारीकियों से अवगत कराया।
भोपाल से आए मुख्य वक्ता एमडीआरयू के सीनियर रिसर्च नोडल अधिकारी डॉ. अतुल श्रीवास्तव ने “मेडिकल रिसर्च में नैतिकता और इंस्टीट्यूशनल एथिक्स कमेटी की भूमिका” पर महत्वपूर्ण बिंदु रखे। डॅा.श्रीवास्तव ने बताया कि हमारे डॉक्टरों के पास बहुत अनुभव होता है। अगर उसे रिसर्च रूप दिया जाए तो वह समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान बन सकता है। हर डॉक्टर को यह समझना होगा कि मन में उठने वाला सवाल ही रिसर्च की शुरुआत हो सकता है।इंडेक्स और अमलतास समूह के संस्थापक चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया के मार्गदर्शन में यह वर्कशॅाप आय़ोजित की गई।

मालवांचल और अमतलास यूनिवर्सिटी में जल्द ही रिसर्च इनोवेशन सेंटर

इंडेक्स समूह के वाइस चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया ने कहा कि रिसर्च केवल संस्थान की पहचान नहीं बल्कि दुनिया में स्वास्थ्य  सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए जरूरी है। कोरोना काल के बाद आज के समय में जो नई बीमारियां, महामारी, और स्वास्थ्य चुनौतियां हमारे सामने खड़ी हैं। तब यह जरूरी है कि डॉक्टर सिर्फ इलाज ही नहीं, बल्कि समस्या की जड़ तक जाकर हल खोजें। मेडिकल रिसर्च वही माध्यम है, जिससे डॉक्टर समाज को नई राह दिखा सकते हैं। उन्होंने कहा कि मालवांचल और अमतलास यूनिवर्सिटी में जल्द ही रिसर्च इनोवेशन सेंटर बनाने जा रहा है। आज के समय मेडिकल कॉलेजों को अब केवल डिग्री देने से आगे बढ़कर रिसर्च में भी उदाहरण बनना होगा।

अमलतास यूनिवर्सिटी के प्रो.चांसलर डॉ.सलील भार्गव ने “अनुसंधान का परिचय” के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वर्कशॉप डॉक्टरों को नए विचारों पर सोचने, समाज के लिए उपयोगी रिसर्च करने और नीति निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित करेगी। यह प्रदेश और देश के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक ठोस पहल भी है। ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ.अभय कुमार गुप्ता ने रिसर्च मैथडोलॉजी वर्कशॉप की पूरी रूपरेखा बताई।दीपशिखा विनायक ने मालवांचल यूनिवर्सिटी के रिसर्च प्रोजेक्ट की जानकारी दी। डॉ. पवन कारे ने “पीयर-रिव्यू और इंडेक्स्ड जर्नल्स में रिसर्च पेपर पब्लिश करने” की प्रक्रिया समझाई। मैसूर डॉ. पी.ए. महेश ने ऑनलाइन माध्यम से “वैज्ञानिक लेखन और पांडुलिपि तैयार करने” पर मार्गदर्शन दिया। डॉ. शिशिर उर्ध्वरेषे ने “लिटरेचर सर्च स्ट्रैटेजी” सत्र में ऑनलाइन खोज तकनीकों का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर कुलपति डॉ.संजीव नारंग, डीन डॉ.जीएस पटेल, रिसर्च डायरेक्टर डॉ.लिली मंजू, डॅा.प्रेम न्याती, डॉ.सीएल यादव, डाॅ.आर सी यादव, डाॅ.प्राजक्ता तोमर, डाॅ.एस के निराला, डाॅ.अजय मिश्रा, डाॅ.नेहा जायसवाल, डॉ.प्रियंका पालीवाल, डाॅ.आरती सहस्त्रबुद्धे,धीरज जायसवाल सहित विभिन्न अधिकारी गण उपस्थित थे।

Post Author: Vijendra Upadhyay