मिट्टी के गणेश की स्थापना पर्यावरण के हित में है – टी प्रतिक राव (आईएएस)


– मिट्टी के गणेश प्रतिमा निर्माण एवं प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ

देवास। उज्जैन रोड स्थित जेम्स एकेडमी विद्यालय में प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी मिट्टी के गणेश की प्रतिमा निर्माण एवं बच्चों व युवाओं के लिए प्रतिमा निर्माण प्रशिक्षण कार्यशाला प्रारंभ की गई। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि देवास एसडीएम टी प्रतीक राव (आईएएस) ने कार्यशाला में सर्वप्रथम गणेश जी एवं मिट्टी का पूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया एवं उपस्थित बच्चों के द्वारा मिट्टी के गणेश की प्रतिमा के निर्माण कार्य को सराहा एवं कहा कि पर्यावरण के लिए प्लास्टर ऑफ पेरिस की प्रतिमाएं बहुत नुकसानदायी है, एवं पानी में घुलनशील नहीं होने के कारण जलस्तर कम होने पर टूटी-फूटी अवस्था में जब बाहर निकलती है तो धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाती है। टी प्रतीक राव ने स्वयं भी बच्चो के बीच बैठकर मिट्टी के गणेश की प्रतिमा बनाना सीखा एवं प्रतिमा निर्माण किया । कार्यकम की संयोजिका ऋचा दुबे ने मुख्य अतिथि का स्वागत रुद्राक्ष की माला ओर गंगाजल से किया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए संयोजक आदित्य दुबे ने जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्यक्रम का सातवां वर्ष है लगातार सात वर्षाे से हजारों इको फ्रेंडली मिट्टी के गणेश की प्रतिमा का निर्माण कर अधिकारी, जनप्रतिनिधि, आमजन को निशुल्क भेंट की जाती है। यह कार्यक्रम पर्यावरण के हित में जन जागरण हेतु अभियान के रूप में चलाया जाता है। प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित कर हमारी कोशिश रहती है कि अधिक से अधिक संख्या में लोग मिट्टी के गणेश की प्रतिमा का निर्माण करना सीखें एवं स्वयं बनाकर मिट्टी के गणेश प्रतिमा की स्थापना कर पर्यावरण बचाने में अपना योगदान देवें । 9 अगस्त से प्रारंभ हुई यह कार्यशाला आगामी 15 दिनों तक प्रतिदिन 4 से 6 बजे तक चलेगी जिसमें नगर के विभिन्न जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, सामाजिक संस्थाओं, पत्रकारों व आमजन को मिट्टी के गणेश की प्रतिमा निर्माण का प्रशिक्षण दिया जाएगा एवं उन से अनुरोध किया जाएगा कि वे पर्यावरण की रक्षा के लिए इस कार्यक्रम में अपना योगदान दें। कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों के साथ सहायक के रूप में मानसी चौहान, उदित गव्हाड़े, पवन राठौर, आद्या दुबे, आर्यमन दुबे, सूरज चौहान, संजना चौहान, प्रिया गुप्ता, आयुष परमार, पायल राठौर उपस्थित थे।

Post Author: Vijendra Upadhyay