श्री गुरु तेग बहादुर जी साहिब जी का शहीदी दिवस मनाया गया

देवास/ स्टेशन रोड गुरुद्वारा साहिब में आज सिख समाज के नवे गुरु श्री गुरुतेग बहादुर साहिब जी का शहीदी दिवस बड़ी श्रद्धा सुमन के साथ मनाया गया। शहीदी दिवस पर आज श्री अखंड पाठ साहिब की समाप्ति हुई। साथ ही दोपहर में कीर्तन दीवान सजाए गए गुरु का अटूट लंगर हुआ।

श्री गुरु तेग बहादुर जी का इतिहास –
औरंगज़ेब हिंदुओं को इस्लाम धर्म कबूल करने के लिए अत्याचार कर रहा था तथा कश्मीरी पंडितों को रोज प्रताड़ना देकर मुस्लिम धर्म कबूल करने के लिए मजबूर कर रहा था। ऐसे में हिंदू कश्मीरी पंडित आनंदपुर साहिब में गुरु तेग बहादुर जी से मिले एवं समस्या से अवगत कराया। तब गुरु तेग बहादुर जी ने बताया कि किसी को शहादत देना होगी। तब उनके आठ साल के पुत्र श्री गुरु गोविंद सिंह जी ने उन्होंने अपने पिता को शहादत देने को कहा।
श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी द्वारा कश्मीर पंडितों को बताया गया कि औरंगजेब से बोले की गुरु तेग बहादुर जी को इस्लाम धर्म कबूल करवा दे। तब हम सब भी इस्लाम धर्म कबूल कर लेंगे। जब इस बात पर औरंगजेब ने गुरु तेग बहादुर जी को बंदी बनाकर दिल्ली ले आए तथा एक पिंजरे में होने बंद कर दिया। तथा इस्लाम धर्म कबूल करने को कहा जब उन्होंने मना किया तो उन्होंने उनके अनुयाई भाई मतिदास की सती दास जी तथा भाई दयाल जी को उनके सामने प्रताड़ना देकर आरै से चिराया गया। तथा रुई से लपेटकर जिंदा जलाया गया फिर उन्होंने गुरु तेग बहादुर जी को इस्लाम धर्म कबूल करने के लिए कहा कि अगर आप धर्म कबूल नहीं करोगे तो आपको भी इस तरह से प्रताड़ना देकर मारा जाएगा। गुरु तेग बहादुर जी ने इस्लाम धर्म कबूल करने से मना करने पर उन्हें चांदनी चौक पर शहीद किया गया तथा उनका सर धड़ से अलग कर दिया तथा शहीद किया गया। उन्हें हिंद की चादर का दर्जा दिया गया तथा हिंदुओं की रक्षा करने के लिए इस महान शहादत पर आज पूरे विश्व में सिख समाज उनका शहीदी दिवस मनाता है।

Post Author: Vijendra Upadhyay