तारीख से त्यौहार बनाना ये हमारी नहीं पाश्चात्य संस्कृति है – श्री सुलभ शांतु जी


देवास। ग्रहों की गणना शास्त्र सम्मत होती है, उसी में पर्व मनाने की परम्परा है। मनमाना करने की नहीं हमारे यहां तिथियों से त्यौहार बनाया जाता है तारीखों से नहीं तारीख से त्यौहार मनाना ये पाश्चत्य संस्कृति है। राम नवमी, कृष्ण जन्माष्टमी, राधाष्टमी, सीता अष्टमी, कभी भी एक ही तारीख पर नहीं आयेगी तो फिर हम लोग जन्मदिन तारीख से क्यों मनाते है इसके नुकसान है वो नक्षत्र ग्रह योग लगन तिथि नहीं होने से किया गया स सत्कर्म सहयोगी नहीं होता जिस काल में हम जन्में है, उसी समय पर किया गया सत्कर्म आने वाले जीवन के लिये किया गया। सत्कर्मों का कोटी गुना फल प्रदान करता है, इसीलिए तारीख से नहीं तिथि से जन्मदिन मनाना शुरू करें। आज कल गूगल का जमाना है गूगल पर अपनी जन्म तारीख चेक करो सब बता देगा हम देखते है उज्जैन में बारह वर्ष  में सिंहस्थ आयोजित होता है, जो विशेष काल समय में ही यह पर्व मनाया जाता है अर्थात यह नक्षत्र तिथि योग लग्न के अनुसार होता है, उपरोक्त उद्गार श्री सुलभ शांतु जी महाराज ने आनंद भवन पेलेस पर आयोजित चार्तुमास व्रत अनुष्ठान में आयोजित राम कथा के दौरान व्यक्त किये उन्होंने कहा कि चार्तुमास का समय है इसमें कम से कम शयन हो ज्यादा से ज्यादा भगवान का स्मरण करना चाहिये व्यास पीठ का पूजन विधायक राजमाता गायत्री राजे पवार ने किया एवं आरती महाराज विक्रमसिंह पवार द्वारा की गई।

अभिमंत्रित रूद्राक्षों का होगा वितरण
देवाधिदेव महादेव जिसमें साक्षात विराजमान है वह रूद्राक्ष है। रूद्राक्ष धारण करना मनुष्य के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है रूद्राक्ष धारण करने का फल यह है कि रूदाक्ष धारण करने वाले व्यक्ति के सम्पूर्ण पाप नष्ट हो जाते है। रुद्राक्ष शरीर के लिए सुरक्षा कवच का काम करता है। नकरात्मक एनर्जी को कम करता है, एकाग्रता में सुधार करता है, मानसिक और शारीरिक संतुलन प्रदान करता है। आध्यात्मिक विकास को बढ़ाता है, मन को शांत करने में मदद करता है एवं इसके साथ ही ध्यान में भी रूद्राक्ष सहायक होता है श्रीराम कथा के दौरान आनंद भवन पेलेस कथा स्थल पर अभिमंत्रित रुद्राक्षों का वितरण प्रतिदिन किया जावेगा। कार्यक्रम आयोजक विधायक श्रीमंत गायत्री राजे पवार एवं महाराज विकमसिंह पंवार ने धर्मप्रेमी जनता से अनुरोध किया है कि सावन के इस पवित्र मास में रूद्राक्ष धारण कर धर्म लाभ लेवें।

Post Author: Vijendra Upadhyay