नागेश्वर सिंह बघेल, देवास
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जिन्ना की फोटो लगाने वालों जरा इस फोटो को भी देख लो, जो जिन्ना ने हम हिंदुस्तान को अनेकों गिफ्ट दिए थे, उनमें ये खास गिफ्ट था है 16 अगस्त 1946 ”डायरेक्ट एक्शन डे” के कुछ दिन बाद कलकत्ता की एक गली का दृश्य । जहाँ बटवारे के बाद कत्लेआम में बिछी लाशों को गिध्दों ने भी खाने से मना कर दिया था क्योंकि गिद्ध मानवी लास खा खा कर आघा गए थे । इस लास में कौन हिन्दू है कौन मुसलमान है पता नही पर ये लाशे गिरी थी जिन्नाह के कारण । फिर भी जिन्ना से प्रेम मेरे समझ से परे है ।
भारत की स्वतंत्रता के पूर्व मुस्लिम लीग द्वारा ‘सीधी कार्यवाही’ की घोषणा से 16 अगस्त सन् 1943 को कोलकाता में भीषण दंगे शुरु हो गये। इसे कलकत्ता दंगा या कलकत्ता का भीषण हत्याकांड (Great Calcutta Killing) कहते हैं।
‘सीधी कार्रवाई’ मुस्लिम लीग द्वारा पाकिस्तान की माँग को तत्काल स्वीकार करने के लिए चलाया गया अभियान था। यह 16 अगस्त 1946 को प्रारंभ हुआ, जब लीग के उकसाने पर कलकत्ता तथा बंगाल और बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों में भीषण दंगे भड़क गए। 72 घंटों के भीतर छह हजार से अधिक लोग मारे गए, बीस हजार से अधिक गंभीर रूप से घायल हुए और एक लाख से अधिक कलकत्तावासी बेघर हो गए।