देवास, 06 जनवरी 2020/ श्रम पदाधिकारी देवास ने बताया कि असंगठित वर्ग के श्रमिकों के बीच में पॉस्को एक्ट के मुख्यर प्रावधानों का व्यापक प्रचार-प्रसार कर उन्हें इस संबंध में जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस कानून के अंतर्गत 18 वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चे (लड़का/लड़की) जिनके साथ किसी भी तरह का लैंगिक शोषण हुआ हो या करने का प्रयास किया गया हो, तो वह इस कानून के दायरे में आता है। इस कानून के अंतर्गत बच्चों को सेक्सुअल असॉल्ट, सेक्सुअल हैरेसमेंट और पोर्नोग्राफी जैसे अपराधों से सुरक्षा प्रदान किया गया है। यह कानून 14 नवंबर 2014 से पूरे देश में लागू हैं।
श्रम पदाधिकारी देवास ने बताया कि बालश्रम अधिनियम 1986 के अंतर्गत 14 वर्ष से कम उम्र के बालकों को पूर्णत: नियोजन से प्रतिबंधित किया गया है। कतिपय असंगठित क्षेत्रों में 14 से 18 वर्ष के बालक नियोजित होना पाये जा सकते हैं। ऐसे स्थानों पर 18 वर्ष से कम उम्र के बालकों का लैंगिक शोषण नहीं हो इसके लिए पॉस्को कानून के व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है। पॉस्को कानून की मंशा 18 वर्ष से कम उम्र के चाहे लड़का हो या लड़की के यौन शोषण से सुरक्षा प्रदान करने की है। ऐसा अपराध करने पर कानून में कठोर दंड एवं जुर्माना का प्रावधान किया गया है।