भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों की नाम लेने से ही सकल पाप नष्ट हो जाते हैं- विदुषि ऋचा गोस्वामी

देवास। भगवान शिव निष्कल एवं सकल है। भक्तों की किस आस्था से शिव जी प्रसन्न होंगे। यह स्वयं भक्तों को भी पता नहीं रहता, किंतु इस कलिकाल में भारतवर्ष में स्थापित 12 ज्योतिर्लिंगों के नामों के स्मरण से सात जन्मों की पाप नष्ट हो जाते हैं। यह आध्यात्मिक वक्तव्य कैलादेवी मंदिर में मध्यप्रदेश शासन के मंत्री सज्जनसिंह वर्मा द्वारा संकल्पित सात दिवसीय शिव महापुराण अनुष्ठान के सप्तम दिवस पर कथा प्रवाचिका युग विभूति विदुषि ऋचा गोस्वामी ने कथा प्रसंग में सोमनाथ मल्लिकार्जुन एवं महाकाल ज्योतिर्लिंग की स्थापना का वर्णन करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि की सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भारत का ही नहीं अपितु इस पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग है। जो कि गुजरात राज्य के सौराष्ट्र में स्थिति है। जब चंद्रमा को दक्ष प्रजापति ने श्राप दिया था। तब चंद्रमा ने इस स्थान पर शिव जी की स्थापना कर भगवान शिव की तपस्या की और श्राप से मुक्ति पाई। मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आंध्रप्रदेश की कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल नाम के पर्वत पर स्थित है। इस मंदिर का महत्व भगवान शिव के कैलाश पर्वत के समान है। इसके दर्शन मात्र से व्यक्ति के सभी पापो से मुक्ति मिल जाती है। इस ज्योतिर्लिंग की पूजन का फल अश्वमेध यज्ञ के समान मिलता है। भगवान महाकालेश्वर के ज्योतिर्लिंग का वर्णन करते हुए कहा कि देवास वासी बड़े सौभाग्यशाली हैं जो कि महांकाल की नगरी के सबसे नजदीक नगर देवास में वास करते हैं। देवास के लोगों को शिव और शक्ति दोनों की पूजा का फल प्राप्त होता है। महाकाल ज्योतिर्लिंग की स्थापना के बारे में कहा जाता है कि उज्जैनी के राजा चंद्रसेन को शिवजी के पार्षद मणिभद्र द्वारा मणि प्रदान की गई थी। जिसे छिनने के लिए कई राजाओ ने उज्जैनी पर आक्रमण करने का प्रायोजन बनाया। उसी दौरान उज्जैनी के एक गरीब गोप बालक ने राजा चंद्रसेन के सामान भगवान शिव की आराधना करने का संकल्प लिया। उसने पत्थरो का शिवलिंग बनाया और पूजा की। उस गरीब बालक की आस्था से प्रकट होकर भगवान शिव महांकाल ज्योर्तिलिंग के रूप में उज्जैन में स्थापित हुए। शिव महापुराण और व्यासपीठ की पूजा जिला शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी ने की। आरती में स्वर्ण समाज के अध्यक्ष राधेश्याम सोनी, मनोहर सोनी, सिंधी हिंदू पंचायत की पूरनलाल तलरेजा, अशोक पेशवानी, राम मनवानी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भगवानसिंह चावड़ा, बजरंग दल के विभाग संयोजक रामबाबू बैरागी, ठा. जसवंतसिंह, प्रितेश शर्मा, दिपक गर्ग, अल्का शर्मा सहित बड़ी संख्या में गणमान्य उपस्तिथ थे। कथा का संचालन अनिल गोस्वामी ने किया।

Post Author: Vijendra Upadhyay

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