श्री कैलादेवी मंदिर मे चल रही भागवत कथा में पांचवे दिन मना श्रीकृष्ण-रूक्मणि विवाह

देवास। श्री कैलादेवी मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में पांचवे दिन श्रीकृष्ण रूक्मणि विवाह हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। महिलाओं ने मंगल गीत भी गाए एवं नृत्य किया। भक्तों ने श्रीकृष्ण-रूक्मणि के साथ फूलों की होली खेली। पं. देवकृष्ण शास्त्री ने व्यासपीठ से कथा का रसपान करते हुए कंस वध प्रसंग सुनाते हुए कहा कि जब-जब भी धरा पर आसुरी प्रवृत्तियां हाहाकार मचाती हैं, तब-तब प्रभु अवतार धारण करते हैं। महाराज श्री ने रूक्मणि विवाह का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि कंस के कोप से मथुरा गोकुल वासी परेशान चल रहे थे। अपने भक्तों की परेशानियों को दूर करने भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का वध कर दिया। चारों ओर भगवान की जयकार होने लगी। वहीं कथा पांडाल में श्रीकृष्ण की बारात आई और विधि विधान से भगवान कृष्ण रुक्मणि का ब्याह रचाया हुआ। भागवत कथा एक ऐसी कथा है जिसे सुनने ग्रहण करने से मन को शांति मिलती है, अपने शरीर में भरी मैल को साफ करने के लिए अगर इसे मन से ग्रहण करें तो यह अमृत के समान है। मुख्य यजमान और आयोजक शंकरलाल जोशी, जितेंद्र जोशी ने भागवत महापुराण की आरती की। कैलादेवी उत्सव समिति एवं मन्नुलाल गर्ग, दीपक गर्ग के विशेष सहयोग से कथा का भव्य आयोजन चल रहा है।

Post Author: Vijendra Upadhyay

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