देवास । गायत्री शक्तिपीठ साकेत नगर एवं गायत्री प्रज्ञापीठ विजय नगर पर गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में 15 व 16 जुलाई को विभिन्न कार्यक्रम सम्पन्न हुए । गायत्री शक्तिपीठ जनसंचार विभाग के विक्रमसिंह चौधरी एवं विकास चौहान ने बताया कि 15 जुलाई को प्रात: 6 बजे से शाम 6 बजे तक अखण्ड जप एवं शाम 7 बजे दीपयज्ञ हुआ तथा 16 जुलाई को प्रात: 8.30 बजे से श्रीवेदमाता गायत्री, परम पूज्य गुरूदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्यजी, वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा एवं देवोहवान व देवपूजन कर पंचकुण्डीय गायत्री महायज्ञ प्रारंभ हुआ साथ ही दीक्षा, यज्ञोपवित, विद्यारंभ सहित विभिन्न संस्कार सम्पन्न हुए । प्रात: 11: 30 बजे गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति, आरती सम्पन्न हुई । अपरान्ह 12 बजे सामूहिक गोष्ठी में अपनों से अपनी बात में वृक्ष गंगा अभियान पर विशेष चर्चा हुई जिसमें वरिष्ठ परिजन शिवानंद गिरि, बद्री प्रसाद मोहरी, रमेशचंद्र मोदी ने ने वृक्षारोपण पर विशेष बात रखी और इस अभियान पर विशेष सहयोग देने वाले परिजनों का सम्मान किया गया । गोष्ठी में वरिष्ठ परिजन शिवानंद गिरि एवं रमेशचंद्र मोदी ने कहा कि आज के समय में 48 डिग्री के लगभग जो तापमान हो रहा हैं जिसके लिए हम ही जवाबदार है, इसलिए बड़े हुए तापमान से बचना है तो अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाना होगा । आयोजन में आमजन ने भी शक्तिपीठ से पौधे लेकर अपने घरों में लगाने का संकल्प लिया । अंत में महाप्रसाद ( भंडारे ) का उपस्थित परिजनों ने लाभ लिया ।

इसी प्रकार गायत्री प्रज्ञापीठ विजयनगर पर भी पंचकुण्डीय गायत्री महायज्ञ हुआ साथ ही प्रज्ञापीठ संरक्षिका दुर्गा दीदी के सानिध्य में दीक्षा, यज्ञोपवित, पुंसवन सहित विभिन्न संस्कार हुए । गायत्री परिवार के व्हाट्सअप ग्रुप में अखंड ज्योति पत्रिका के प्रतिदिन प्रश्न के उत्तर पूछे जाते हैं एवं उनका सही जवाब देने वाले परिजन को अधिक अंक प्राप्त होते हैं उन विजेताओं को पर्व पर सम्मानित किया जाता हैं । इस बार के विजेता रहें देवकरण कुमावत, मीना अग्रवाल, हजारीलाल चौहान, भंवरसिंह सोलंकी, सालिग्राम सकलेचा, आदर्श वर्मा को प्रज्ञापीठ संरक्षिका द्वारा मेडल पहनाकर सम्मानित किया गया एवं सभी श्रद्धालुओं ने भोजन प्रसादी का लाभ लिया । आयोजन में कर्मकांड का संचालन रामनिवास कुशवाह, महेश आचार्य, ज्ञानदेव बोडखे दिनेश बर्डे, प्रखर पोरवाल सहित गायत्री शक्तिपीठ की संगीत टोली ने किया । गोष्ठी का संचालन युवा प्रकोष्ठ के प्रमोद निहाले ने किया एवं आभार कन्हैयालाल मोहरी ने माना ।

