बागियों को मनाने के लिये पैलेस उतरा मैदान में

– कांग्रेस अध्यक्ष ने भी सोशल मीडिया पर की अपील

– नाम वापसी के लिये धमकाने का भी लगा आरोप

– कुछ नामांकन फार्म निकलवाने में हुए सफल तो कुछ में असफल

देवास। नगरीय चुनाव के नाम वापसी के अंतिम दिन कलेक्ट्रेट कार्यालय में सुबह से लेकर दोपहर 3 बजे तक गहमागहमी का माहौल रहा। भाजपा के बागियों को मनाने के लिये पैलेस को मैदान में उतरना पड़ा। कलेक्ट्रेट कार्यालय में देवास विधायक गायत्रीराजे पवार, उनके पुत्र विक्रमसिंह पवार साथ ही भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव खंडेलवाल व अन्य नेता भी मौजूद रहे। उधर शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी ने भी पहले सोशल मीडिया के माध्यम से अपील की बाद में कलेक्ट्रेट कार्यालय में सुबह से लेकर दोपहर 3 बजे तक डटे रहे। दोनो ही पार्टी ने अपनी-अपनी पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले बागियों के फार्म निकलवाए। यह नेता कुछ बागियों को समझाने व मनाने में सफल हो गए, किंतु कुछ बागी फोन बंद कर भूमिगत हो गए, जो अब चुनाव मैदान में डटे हुए है। हो सकता है ये बागी राजनीतिक दलों के अधिकृत प्रत्याशियों के लिए मुसीबत बन जाए।
गौरतलब है कि इस बार टिकट वितरण के बाद भाजपा में सर्वाधिक घमासान हुआ और शहर के अधिकांश वार्डों में बगावत तेवर देखे गए। जहां पर भाजपा के बागियों ने न सिर्फ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल कर दिये, बल्कि सोशल मीडिया पर भी भाजपा संगठन को खुली चुनौती दे डाली। इस बात से भाजपा संगठन में खलबली मच गई और डैमेज कंट्रोल का काम शुरु कर दिया। डैमेज कंट्रोल करने में विधायक पवार व उनके पुत्र विक्रमसिंह पवार की अहम भूमिका रही। हालांकि जिलाध्यक्ष राजीव खंडेलवाल ने भी अपने स्तर पर बागियों को मनाने का प्रयास किया। इसी का परिणाम रहा कि कल तो जो बागी दमदारी से मैदान में टिकने का दावा कर रहे थे, वे आज फार्म निकालते देखे गए। उधर कांग्रेस में भी कुछ वार्डों में बगावत हो गई थी और निर्दलीय नामांकन फार्म दाखिल किए गए थे, जिन्हें शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी सहित अन्य नेताओं ने समझाईश देकर फार्म निकालने के लिए मजबूर कर दिया था। कांग्रेस अधिकांश फार्म निकलवाने में सफल हो गई है। इक्का-दुक्का वार्डों में कांग्रेस के बागी मैदान में उतर रहे है। 

– बांगर परिवार ने तीनों नामांकन फार्म निकाले

स्थानीय भाजपा की राजनीति में पैलेस के विरोधी माने जाने वाले पूर्व पार्षद दिलीप बांगर का रूख आज आज कुछ अलग नजर आया और उन्होंने संभवत: विधायक गायत्रीराजे पवार व उनके पुत्र विक्रमसिंह पवार से चर्चा करने के बाद न सिर्फ स्वयं का नामांकन फार्म वापस ले लिया, बल्कि अपनी पत्नी आशा बांगर का महापौर पद से तथा पुत्र मुकूल बांगर का पार्षद पद का नामांकन फार्म वापस ले लिया है। बांगर का यह निर्णय शहर में जनचर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि माना जा रहा था कि बांगर इस बार भी अपने बगावत तेवर दिखाएंगे और भाजपा व पैलेस को चुनौती देंगे, किंतु अंतिम दिन उनके तेवर कुछ नरम नजर आए। 

– पूर्व महापौर पुत्र माने, निकाला नामांकन फार्म

महापौर की टिकट से वंचित हुए रवि जैन को विधायक गायत्रीराजे पवार ने वार्ड 26 से पार्षद का टिकट देकर उपकृत कर दिया और बताया जा रहा है कि उन्हें सभापति बनाने का भी आश्वासन दिया गया है, किंतु रवि जैन के पार्षद व सभापति बनने की राह में पूर्व महापौर सुभाष शर्मा के पुत्र विमल शर्मा कांटा बनकर खड़े हो गए थे। उन्होंने बगावत तेवर दिखाते हुए नामांकन दाखिल कर दिया और निर्दलीय चुनाव लडऩे का मन बना लिया था। यदि शर्मा निर्दलीय मैदान में उतरते तो रवि जैन की जीत मुश्किल हो जाती। उधर विमल शर्मा नामांकन फार्म भरने के बाद भूमिगत हो गए थे, किंतु विधायक पुत्र विक्रमसिंह पवार ने उन्हें ढूंढ निकाला और अंतिम दिन विमल शर्मा को कलेक्टर कार्यालय ले आए और विधायक गायत्रीराजे पवार की उपस्थिति में उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया।

– अभी भी कुछ बागी है मैदान में

भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव खंडेलवाल व विधायक गायत्रीराजे पवार ने अथक प्रयास कर कई वार्डों में बागियों को मना लिया और उनके नामांकन फार्म वापस निकलवा दिये, किंतु अभी भी कुछ वार्ड ऐसे है, जहां पर भाजपा के बागी अधिकृत प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर देने की स्थिति में है। इनमें से प्रमुख रूप से वार्ड क्रमांक 3 से बिंदु राज वर्मा, वार्ड 8 में आदित्य दुबे, वार्ड 12 में मयंक जैन, वार्ड 22 से रूपेश वर्मा, 32 मनोज राय, वार्ड 31 में सुनील योगी, वार्ड 34 में राजेश यादव, वार्ड 21 में अरविंद बिरले, वार्ड 42 में दीपक अकोदिया प्रमुख है, जो भाजपा के अधिकृत प्रत्याशियों को चुनौती दे रहे है।

– नाम वापसी के लिये धमकाने का आरोप, भावुक महिला चक्कर खाकर गिरी 

महापौर और पार्षद प्रत्याशियों के नामांकन फार्म वापसी का बुधवार को अंतिम दिन था और दोपहर 3 बजे तक का समय नियत था। इससे पहले कई निर्दलीय प्रत्याशी अपने नामांकन फार्म निकालने पहुंचे। इसी क्रम में वार्ड क्रमांक 19 की दीपिका शर्मा भी कलेक्टर कार्यालय पहुंची। शर्मा ने भाजपा से टिकट मांगा था और अपना नामांकन पत्र भी दाखिल किया था, किंतु भाजपा ने वार्ड क्रमांक 19 से उषा खत्री को अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया। इसके बाद भाजपा नेताओं ने दीपिका पर नाम वापस लेने के लिए दबाव बनाया था। वह दोपहर में अपने छोटे बच्चे, पति व सास के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंची और फार्म निकालने के बाद वह रोते हुए बाहर आई और कुछ ही देर में चक्कर खाकर कलेक्टर कार्यालय के बाहर गिर गई। जिसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया। इस दौरान दीपिका शर्मा के साथ मौजूद उनकी सास ने आरोप लगाया कि हमें नाम वापस लेने के लिए धमकाया गया है। 

Post Author: Vijendra Upadhyay