पद्मजा स्कूल में मनाया गया 34 वा वार्षिकोत्सव

पद्मजा स्कूल का 34वां वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाया गया | कार्यक्रम में शाला के विद्यार्थियों ने नृत्य एवं नाटकों के माध्यम से अपनी बहुमुखी प्रतिभा का परिचय दिया 320 विद्यार्थियों ने संस्कृति के विविध रंगों को अपनी प्रस्तुतियों में उपस्थित अतिथियों के समक्ष रखा कार्यक्रम की शुरुवात सरस्वती मंदिर में दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण से हुई | छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किये गए | विभिन्न कक्षाओं के विद्यार्थियों द्वारा लोकप्रिय गीतों जैसे शिव तांडव , सुनी सी कलाई , शहनाई बाजे , बम बम बोले , कान्हा सो जा आदि पर मनमोहक नृत्यों की प्रस्तुतियां दी गई | नाटकों के माध्यम से धार्मिक कथा से प्रारम्भ करते हुए वर्तमान समय के ज्वलंत मुद्दों को प्रस्तुत किया गया | एक नाटक में गांधीजी के आदर्शवाद को आज के नैतिक मूल्यों के पतन वाले अन्धकार में आशा की एक मात्र किरण बताया गया | एक ओर नाटक में महिला सशक्तिकरण का सन्देश तो सेल्फीमेनिया नाटक में सेल्फी के जूनून की भयावहता को दर्शाया गया | शाला रिपोर्ट का वाचन श्री विकास देशमुख द्वारा किया गया जिसमें इस सत्र में विद्यालय की उपलब्धियों से दर्शकों को अवगत कराया गया | प्राचार्या डॉ. श्रीमती कोमल जैन ने अपने उद्बोधन में पालकों को अपने बच्चों को सही दिशा में प्रोत्साहित करने की सलाह दी | गत वर्ष की बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को सम्मान पत्र एवं नगद पारितोषिक दे कर सम्मानित किया गया कार्यक्रम के अंत में उपप्राचार्य श्री स्वप्निल जैन ने अपने उद्बोधन में पालकों को सलाह दी की वे बचपन से ही बच्चों को शाला में निरंतर उपस्थिति का महत्व समझाए जिससे की वे अध्ययन के प्रति गंभीर हो अपने लक्ष्य को सुगमता से प्राप्त कर सके | श्री जैन ने कार्यक्रम में विद्यार्थियों के प्रयासों को सराहते हुए अतिथियों का आभार व्यक्त किया कार्यक्रम का समापन जन गण मन के साथ हुआ |

Post Author: Vijendra Upadhyay

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