पुलिस अधीक्षक श्रीमती देशावतु की प्रेरणा से “पुलिस की पाठशाला” की छांव में कविता का हुआ “कन्यादान”

खुशियों की दास्ता
-पुलिस ने मामा का रिश्ता निभाकर किया मामेरा
-पुलिस विभाग का दिखा अद्वितीय कार्य, सभी ने प्रंशसा
-बैंड बाजे की जगह पुलिस का सायरन बजाकर की अनोखी शादी
-बिटिया की माँ नहीं है, पिता की नौकरी लॉकडाउन में छूट जाने से बिटिया की शादी के लिए चिंचित थे पिता

देवास 25 मई 2020/ पुलिस लॉकडाउन के दौरान कोरोना योद्धा के भूमिका में तो नजर आ ही रही है। वही पुलिस का मानवीय चेहरा भी देखने को मिल रहा है। पुलिस द्वारा किया गया मानवीय कार्य समाज में एक प्रेरणादाई संदेश भी बना है। सोमवार को पुलिस अधीक्षक श्रीमती कृष्णावेणी देशावतु की प्रेरणा से “पुलिस की पाठशाला की छांव” में देवास की बिटिया कविता की शादी त्रिलोक नगर के युवक जितेंद्र से हुई है। शादी में पुलिस विभाग के उच्चाधिकारी बिटिया की मां नहीं होने पर माँँ की कमी को पूरा किया। साथ ही मामा का फर्ज निभाते हुए मामेरा भी किया व दहेज के सामान भी दिया। पुलिस अधीक्षक श्रीमती कृष्णावेणी देसावतु सहित अन्य पुलिस के अधिकारियों ने वर वधू को आशीर्वाद देकर बिदाई दी। कविता की इस शादी से सभी परिजन खुश हुए तथा सभी को धन्यवाद दिया।
देवास पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में “पुलिस की पाठशाला की छांव” में राजीव नगर स्थित फूलचंद प्रजापत की बिटिया कविता का कन्यादान पुलिस ने किया। पुलिस अधीक्षक कृष्णावेणी देसावतु ने बताया कि कविता की माँ नही है और पिता की नौकरी भी लॉकडाउन के चलते छूट गई थी। जिसके चलते पुलिस विभाग ने बिटिया की शादी करने का जिम्मा उठाया था। उसी के चलते आज उसकी शादी में घर की जरूरत का सामान पुलिस विभाग की और से दिया गया है।

उपपुलिस अधीक्षक किरण शर्मा ने बताया कि बिटिया की शादी त्रिलोक नगर के रहने वाले युवक जितेंद्र पिता देवकरण के साथ हुई है। जितेंद्र व उसके पिता फर्नीचर के कारीगर है। किरण शर्मा ने बताया कि बिटिया की शादी में सभी देवास के पुलिस अधिकारी एवं समस्त कर्मचारियों ने बच्ची के मामा बनकर इस कन्यादान में भाग लिया। उन्होंने बताया की बिटिया की मां नहीं है और पिता ठेकेदारी में छोटी कंपनी में काम करते थे जिनकी लाकडाउन में नौकरी भी छूट गई। पिता शादी के लिए कर्ज के लिए परेशान हो रहे थे, और कर्जा लेने के लिए घूम रहे थे ईश्वर की विशेष कृपा से उनका हमारी पाठशाला से संपर्क हुआ तो हमने बच्ची के मामा बनकर उसका कन्यादान करने का निर्णय लिया था। जिस पर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को इस बात से अवगत कराया तो सभी का पूर्ण सहयोग समर्थन एवं मदद प्राप्त हुआ। पुलिस के कर्मचारियों से संपर्क किया गया तो सभी कर्मचारियों ने दिल से मदद की। इस कन्यादान की एक विशेषता यह भी है रही कि इसमें पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों से भी अधिक योगदान ना लेते हुए सभी से थोड़ा-थोड़ा योगदान लेकर इस कार्य की रूप रेखा बनाई।
बच्ची कविता के मन में एक बात थी कि मेरी शादी में ढोल धमाके और शहनाई नहीं बज पा रहे हैं। जिस पर पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों ने उस बच्ची से कहा कि तुम्हारी शादी में ऐसा संगीत बजेगा की तुम्हारे मन मस्तिष्क मैं मधुर स्मृतियों में हमेशा-हमेशा के लिए अंकित हो जाएगी और वहा पर पुलिस के अधिकारियों द्वारा वाहनों में लगे पुलिस के सायरन को शादी में शहनाई के रूप में बजाया।
एसडीएम से विवाह के लिए पुलिस ने ली परमिशन पुलिस ने कविता के विवाह को लेकर लॉकडाउन के चलते एसडीएम से विवाह करने की अनुमति ली। जिसके बाद विवाह में शामिल हुए। वही मेहमानों के हाथों को सैनिटाइजर से धुलवाए भी गए।
यह दी दहेज की सामग्री
पुलिस विभाग की और से दुल्हन कविता को फ्रिज, टीवी, कूलर, बर्तन, कृष्ण भगवान व सिंहासन पूजन सामाग्री व फलदान भी किया गया। सभी सामाग्री दुल्हन कविता व दूल्हे जितेंद्र को पुलिस अधीक्षक के हाथों दिया गया। इसके पश्चात पुलिस विभाग के अधिकारियों ने वर-वधू को आशीर्वाद देकर उन्हें विदा किया। इस दौरान एएसपी जगदीश डावर, सीएसपी अनिल सिंह, उप पुलिस अधीक्षक किरण शर्मा, थानों के थाना प्रभारी गण, पुलिस का अमला मौजूद था।

Post Author: Vijendra Upadhyay

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