गायत्री शक्तिपीठ एवं गायत्री प्रज्ञापीठ पर नि:शुल्क पिंडदान एवं तर्पण का आयोजन

पितरों की तृप्ति के लिए होगा पूजन

देवास। गायत्री शक्तिपीठ साकेत नगर पर 22 सितम्बर से सर्वपितृमोक्ष अमावस्या 06 अक्टूबर तक प्रतिदिन प्रात: 07 बजे से एवं गायत्री प्रज्ञापीठ विजय नगर पर 26 सितम्बर रविवार, 03 अक्टूबर रविवार एवं 06 अक्टूबर बुधवार सर्वपितृमोक्ष अमावस्या को प्रात: 08 बजे से पूर्वजों की आत्म शांति एवं सदगति के निमित्त नि:शुल्क पिंडदान, तर्पण एवं पितृ यज्ञ का आयोजन गायत्री प्रज्ञापीठ की संरक्षिका दुर्गा दीदी के सानिध्य में किया जाएगा । जिसमें महिलाओं द्वारा भी पिंडदान किया जा सकता है। इस आयोजन में सामग्री की व्यवस्था नि:शुल्क रहेगी ।


गायत्री शक्तिपीठ के मीडिया प्रभारी विक्रमसिंह चौधरी ने बताया कि पितरों की तृप्ति के लिए श्राद्ध पक्ष में पिंडदान, तर्पण एवं पितृ यज्ञ किया जाता है।  श्राद्ध पक्ष में श्राद्ध करने से श्राद्ध करने वाले का भी कल्याण होता है। जो भी व्यक्ति श्रद्धा एवं शांत मन से विधिपूर्वक श्राद्ध करता है वह सभी पापों से रहित होकर मुक्ति को प्राप्त होता है। इसलिए सभी व्यक्तियों को अपने पितरों की तृप्ति तथा स्वयं के कल्याण के लिए श्राद्ध अवश्य करना चाहिए। श्राद्ध में पितृ पूजन के प्रभाव से पितृ दोष दूर होता है, परिवार में सुख शांति बनी रहती है तथा पितृदेव से आशीर्वाद मिलते हैं व पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है एवं सर्व देवता सहित पितृ तृप्त होते हैं। इस कार्यक्रम में स्त्री-पुरुष, छोटे-बड़े सभी परिजन बिना किसी भेदभाव के शामिल हो सकते है। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए समय का विशेष ध्यान रखने के साथ-साथ शामिल होने वाली तिथि के एक दिवस पूर्व की शाम तक गायत्री शक्तिपीठ के लिए रामनिवास कुशवाह 8770491851 एवं गायत्री प्रज्ञापीठ के लिए महेश आचार्य 9407102175 के मोबाइल पर सम्पर्क कर जानकारी अवश्य प्राप्त करें, ताकि तदनुसार व्यवस्था की जा सकें। विशेष अनुरोध – कार्यक्रम में शामिल होने के इच्छुक भाई धोती साथ में अवश्य लेकर आए।
                 

गायत्री शक्तिपीठ के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी महेश पण्डया एवं गायत्री प्रज्ञापीठ के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी राजेन्द्र पोरवाल ने समस्त भावनाशील एवं श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि अपने पितृगणों की तृप्ति के लिए नि:शुल्क पिंडदान, तर्पण एवं पितृयज्ञ में सम्मिलित होकर पुण्य लाभ लेवें एवं पितृगणों का आशीर्वाद प्राप्त करें।

Post Author: Vijendra Upadhyay