देवास। जिला अस्पताल से नवजात बच्चे चोरी होने के बाद पूरे प्रदेश में सुर्खियों में आया जिला अस्पताल एक बार फिर नवजात बच्चे की मौत के बाद चर्चा में आ गया है। परिजनों ने नवजात की मौत को लेकर जिला अस्पताल में हंगामा कर दिया और बच्चे की मां अपने कलेजे के टुकड़े की मौत से नाराज होकर गेट पर बैठ गई और जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने की मांग करने लगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार कन्नौद तहसील के ग्राम कुसमानिया की रहने वाली उषा पति राकेश बामनिया उम्र 25 वर्ष को प्रसूति के चलते 9 मई को भर्ती किया था। उषा ने शाम को ऑपरेशन से एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया था, लेकिन अचानक बच्चे की तबीयत बिगडऩे लगी। उसे तेज बुखार आया था। तीन दिन तक उसे आईसीयू में उपचार के लिए रखा। अस्पताल स्टाफ ने परिजनों को बताया कि टीका लगने के कारण बच्चों को बुखार आया है। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल स्टाफ ने बच्चे को निजी अस्पताल भी ले कर जाने को नहीं दिया। इधर शुक्रवार को दोपहर करीब 12 बजे नवजात बच्चे की मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया। बच्चे की मां विलाप करते हुए अस्पताल की अव्यवस्थाओं को कोसती हुई नजर आई। बच्चे की मां ने आरोप लगाया कि यह अस्पताल बहुत ही खराब अस्पताल है। यहां से बच्चा चोरी हो जाता है और बच्चे की मौत भी हो जाती है। नवजात बच्चे की मां अस्पताल के मुख्य द्वार पर अपने मृत बच्चे को लेकर काफी देर तक विलाप करती हुई बैठी रही।
नवजात बच्चे की मौत को लेकर सीएमएचओ एमपी शर्मा का कहना है कि 9 मई को कुसमानिया से रेफर होकर पेशेंट आया था। 9 मई को ही ऑपरेशन किया था और एक स्वस्थ बच्चे को परिवारजनों को सुपुर्द किया था। बच्चे की मौत का कारण यह रहा है कि मां ने दूध पिलाया और दूध सांस की नली में चला गया। जिससे उसकी मौत हुई है। सभी को समझाया जाता कि बच्चे को दूध पिलाने के बाद डकार दिलवाना चाहिए। बच्चों को इंजेक्शन लगाने के लिए ट्रेंड स्टाफ नर्स है। सभी निपुण है कि इंजेक्शन कितनी मात्रा में लगाना है। ऐसा कहना गलत है कि इंजेक्शन की वजह से बच्चे की मौत हुई।

