– 51 हजार से जीतने के सपने हो सकते है चूर
विजेंद्र उपाध्याय, देवास
देवास। नगरीय चुनाव मे इस बार भाजपा टिकिट वितरण को लेकर देवास मे शुरू से ही चर्चा बनी रही। एक और भाजपा ने महापौर उम्मीदवार के नाम से सबको चौकाया तो वही वार्ड मे दिये टिकिट वितरण पर भी सबको अचंभित किया। टिकिट को लेकर विरोध के स्वर पहले दिन से ही भाजपा मे उठने लगे। वही ब्राह्मणवाद को तवज्जु न देना भी भाजपा को कही न कही भारी पड़ सकता है।
देखा जाये तो भाजपा ने महापौर पद के लिए बनिया लाभी को खुश किया। वही गीता दुर्गेश अग्रवाल जैसे उम्मीदवार का चयन कर पैलेस की राजनीति को भी सुरक्षित किया। पर भाजपा ब्राह्मणो के वोटरों को भूल गई। भले भाजपा महापौर उम्मीदवार ब्राह्मण न दे सकी, लेकिन वह वार्डो मे भी ज्यादा पार्षद उम्मीदवार भी न दे सकी। कुल 45 वार्डो मे 5 से 6 वार्ड ऐसे थे जहा भाजपा ब्रह्मणो को खुश कर सकती थी। लेकिन एक सगठन से ओर एक पार्टी से मात्र दो वार्डो में भाजपा ने टिकिट दिये। जिसका खामियाजा भाजपा को देखने को मिल सकता है। भाजपा की जीत मे कही न कही सेंध लगेगी, जिससे जीत का प्रतिशत कम होने की सम्भावना है।
इस बार कांग्रेस ने ब्राह्मण कार्ड खेलकर थोकबंद ब्राह्मण वोट अपने पक्ष में करने का प्रयास किया और कुछ हद तक कांग्रेस इस अभियान में सफल भी हुई है।
इसी को देखते हुए भाजपा खेमे में खलबली मच गई थी। पहले तो स्थानीय स्तर पर भाजपा नेता ब्राह्मण नेताओं को मैदान में उतारा, किंतु सफलता मिलने के बजाय ब्राह्मण समाज के लोगों ने उन्हें खूब खरी-खोटी सुनाई।
यह मामला भाजपा आलाकमान तक पहुंच गया। लिहाजा मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को आगे आना पड़ा और स्वयं मुख्यमंत्री ने ब्राह्मण समाज देवास के पूर्व अध्यक्ष संजय शुक्ला को फोन लगाकर ब्राह्मण मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में करने का आग्रह किया।
हालांकि ब्राह्मण समाज के नेताओं का कहना था कि अब बहुत देर हो चुकी है। यदि यही फोन टिकट वितरण से पूर्व आता तो फिर इस फोन की सार्थकता हो सकती थी।
ऐसी स्थिति भी यदि कांग्रेस महापौर उम्मीदवार विनोदनी रमेश व्यास को अच्छे खासे वोट मिलते है या उनकी जीत सुनिश्चित होती है तो उसका श्रय रमेश व्यास को जायेगा न की कांग्रेस को।