अपहरण, मारपीट और फिरौती मामले में पुलिस ने 7 आरोपियों को किया गिरफ्तार
देवास। एमजी अस्पताल में कार्यरत एक ड्रेसर के अपहरण, मारपीट और जबरन धन वसूली का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने इस घटना में संलिप्त 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पीड़ित ने 14 फरवरी 2025 को नाहर दरवाजा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि 12 फरवरी को ड्यूटी के दौरान उसके पास एक अज्ञात लड़की का फोन आया, जिसने उसे बस स्टैंड देवास पर मिलने बुलाया। वहां पहुंचने के बाद वह लड़की उसकी कार में बैठ गई और दोनों कुछ देर शहर में घूमने के बाद कृष्णा ग्रीन कॉलोनी पहुंचे। जैसे ही वे वहां पहुंचे, पहले से घात लगाए बैठे छह लोगों ने कार का दरवाजा खोलकर उसे बाहर खींच लिया और मारपीट शुरू कर दी।
आरोपियों ने पीड़ित को गालियां दीं और डंडों से पीटते हुए जबरन उसकी कार में डालकर भोपाल रोड की ओर ले गए। सुनसान इलाके में ले जाकर उस पर झूठे आरोप लगाते हुए 30 लाख रुपये की मांग की और जान से मारने की धमकी दी। पीड़ित को रिश्तेदारों से पैसे मंगवाने के लिए मजबूर किया गया, जिसके बाद उसके भांजे ने 5 लाख रुपये नकद पहुंचाए, जबकि 52,500 रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करवाए गए।
इतना ही नहीं, आरोपियों ने पीड़ित का एक वीडियो बनाकर उसे वायरल करने की धमकी भी दी। घटना के बाद गंभीर रूप से घायल पीड़ित ने 14 फरवरी को एमजी अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया और पुलिस को सूचना दी।
पुलिस की कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोद के निर्देश पर विशेष टीम गठित की गई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) जयवीर सिंह भदौरिया और नगर पुलिस अधीक्षक दीशेष अग्रवाल के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी मंजु यादव के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई।
गिरफ्तार आरोपी
- हर्षवर्धन योगी (24), निवासी उज्जैन
- गोविंद उर्फ राज केसरिया (21), निवासी देवास
- किशिता उर्फ इशिका जोशी (23), निवासी इंदौर
- गौरव मेवाड़ा (20), निवासी उज्जैन
- राज परमार (24), निवासी उज्जैन
- देव बनेले (21), निवासी उज्जैन
- अभिषेक माली (24), निवासी उज्जैन
जब्त सामग्री
पुलिस ने आरोपियों के पास से 4 लाख रुपये नकद, घटना में प्रयुक्त एक सेलेरियो कार, एक मोटरसाइकिल और एक चाकू बरामद किया। कुल जब्त सामग्री की कीमत लगभग 9 लाख रुपये आंकी गई है।
पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका
इस कार्रवाई में थाना प्रभारी मंजु यादव, उपनिरीक्षक राहुल पाटीदार, प्रधान आरक्षक नितेश द्विवेदी, भगवान सिंह, यशवंत सिंह, रवि भदौरिया, नितिन गोठवरिया, आरक्षक नवदीप, रोबिन सिंह, अमित, योगेंद्र, विशाल मुवेल, मनोज, तरुणा और साइबर सेल के सचिन चौहान एवं शिवप्रताप सिंह सेंगर ने अहम भूमिका निभाई।
पुलिस अब मामले में आगे की जांच कर रही है और आरोपियों के अन्य आपराधिक रिकॉर्ड की भी पड़ताल की जा रही है।