देवास/ कोरोना वायरस के इस खतरे की घड़ी में पुरे देश में कर्फ्यू लगा हुआ ऐसे में लोगो को घर से न निकलने की चेतावनी प्रशासन द्वारा सभी को दी जा रही हे परंतु कई लोग ऐसे हे जो अपने गांव या अपने मां- बाप से दूर हैं। उन्हें अपने मां-बाप से मिलने या अपने घर जाने के लिए कुछ लोगों को जिस शहर में हे वहां से निकलना आवश्यक हो गया है।
ऐसी ही घटना जावरा की दो बच्चियां जिनकी उम्र एक 8 वर्ष, दूसरी की 10 वर्ष इंदौर के एक मदरसे में पढ़ रही हैं। मदरसा बंद होने की वजह से यह बच्चियां अपने घर जाने में सक्षम नहीं थी। बच्चियों के दादा ने चाइल्ड लाइन से मदद मांगी तो चाइल्डलाइन ने इंदौर पुलिस एवं देवास पुलिस के सहयोग से आज इन बच्चियों को अपने घर पहुंचाया। इस प्रक्रिया में मुख्य रूप से देवास पुलिस की टीआई शैलजा भदौरिया, इंदौर चंदन नगर थाना टीआई योगेश तोमर की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
पर सवाल यह उठता हे की जब शहर में कर्फ्यू लगा था तो मदरसे के प्रबंधक ने इन बच्चियों को इनके घर पहुंचाने के लिए इनका योगदान क्यों नहीं दिया।