देवास ट्रांजिट सेंटर से 12 मई से 17 मई तक 50 हजार से अधिक श्रमिकों को पहुँचाया गन्तव्य तक
देवास 17 मई 2020/ कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न संकट की इस घड़ी में श्रमिक एवं मजदूर वर्ग को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी आवश्यक व्यवस्थाएं किए जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री चौहान के निर्देश पर अन्य राज्यों एवं जिलों में रूके/फंसे मजदूरों को उनके गंतव्य को पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है ताकि प्रवासी मजदूरों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हों। इस कड़ी में जिला प्रशासन देवास द्वारा श्रमिकों को नंदन कानन होटल के सामने व आईटीसी के पास स्थित अर्गस गार्डन से बसों की आवश्यक व्यवस्था की जा कर उनके गंतव्य तक पहुँचाया जा रहा है। यहाँ पर श्रमिकों के लिए भोजन, पानी तथा अन्य सुविधाएं जिला प्रशासन द्वारा की गई है। श्रमिकों को भेजने से पूर्व स्वास्थ्य टीम द्वारा उनका मेडिकल चेकअप भी किया जा रहा है।
देवास ट्रांजिट सेंटर से 12 से 17 मई तक 50 हजार 52 श्रमिकों को 1119 बसों में उनके गंतव्य के लिए रवाना किया गया है। प्राप्त जानकारी अनुसार दिनांक 12 मई को 144 बसों में 8750, 13 मई को 175 बसों में 7050, 14 मई को 185 बसों में 9250, 15 मई को 286 बसों से 10635, 16 मई को 200 बसों से 8852 और 17 मई को शाम 6 बजे तक 129 बसों में 5515 श्रमिकों को भेजा गया है।
अर्गस गार्डन में बनाए गए ट्रांजिट सेंटर पर नगर निगम देवास की टीम द्वारा श्रमिकों के लिए भोजन, पानी तथा टेंट की व्यवस्था की गई। परिवहन विभाग द्वारा श्रमिकों के लिए बसों की व्यवस्था कराई जा रही है। कोरोनावायरस संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए ट्रांजिट सेंटर पर श्रमिकों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाया जा रहा है।
श्रमिको को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए देवास ट्रांजिट सेंटर से दो रूट पर बसे भिजवाई जा रही हैं। दमोह, पन्ना, छतरपुर, मैहर, सतना,चित्रकूट, कटनी, रीवा, सीधी, शहडोल, उमरिया, व्यवहारी, अनूपपुर, इलाहाबाद, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, बिहार, झारखंड, खुरई, टीकमगढ़, विदिशा, भोपाल, नरसिंहगढ़ जाने वाले श्रमिकों को सागर रूट की बसों में तथा शिवपुरी, अशोकनगर, झांसी,श्योपुर, दतिया, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, ओरछा, गोरखपुर, लखनऊ, बहराइच, बस्ती, गोंडा, आगरा, गोह, इटावा, येतपुरी, फिरोजाबाद, हरदोई, कानपुर, हमीरपुर, बाराबंकी, फैजाबाद, नानपारा जाने वालों को गुना रूट की बसों से छोड़ा जा रहा है।