वर्तमान में चल रहे वन स्टाप सेंटर का निरीक्षण किया
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पोषण अभियान अंतर्गत लगाये गये पोषण आहार स्टॉल का किया अवलोकन
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देवास, 03 सितम्बर 2021/ विधायक देवास श्रीमती गायत्री राजे पवार ने जिला चिकित्सालय परिसर में वन स्टाप सेंटर का भूमि पूजन किया। जिला चिकित्सालय परिसर में वन स्टाप सेंटर 48 लाख रूपये की लागत से निर्मित होगा। भूमि पूजन के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह राजपूत, राजीव खण्डेलवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधि, महिला बाल विकास अधिकारी श्रीमती रेलम बघेल, महिला बाल विकास के अधिकारी/कर्मचारीगण, चाइल्ड लाइन सदस्य, आंगनवाडी कार्यकर्ता उपस्थित थी।
विधायक देवास श्रीमती गायत्री राजे पवार ने वर्तमान में चल रहे वन स्टाप सेंटर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने महिला बाल विकास अधिकारी से वन स्टाप सेंटर की जानकारी ली। वन स्टाप सेंटर की कार्यप्रणाली को जाना। उन्होंने महिला बाल विकास अधिकारी को वन स्टाप सेंटर के संबंध में आवश्यक निर्देश भी दिये।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिले में 01 से 07 सितम्बर तक मातृ वंदना सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष पोषण माह की थीम ‘’कुपोषण छोड पोषण की ओर–थामें क्षेत्रीय भोजन की डोर’’ है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पोषण अभियान के अंतर्गत पोषण माह मनाया जा रहा है। इस संबंध में कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। पोषण अभियान के अंतर्गत आंगनवाडी कार्यकर्ताओं द्वारा पोषण आहार संबंधी स्टॉल लगाये। विधायक श्रीमती पवार ने स्टॉल का अवलोकन भी किया और स्टॉल में तैयार सामग्री की प्रशंसा की।
वन स्टाप सेंटर का उद्देश्य
वन स्टाप सेंटर का उद्देश्य एक ही छत के नीचे हिंसा से पीडित महिलाओं एवं बालिकाओं को एकीकृत रुप से सहायता एवं सहयोग प्रदाय करना है। पीडित महिला एवं बालिकाओं को तत्काल आपातकालीन एवं गैरआपातकालीन सुविधायें जैसे चिकित्सा, विधिक, मनोवेज्ञानिक परामर्श उपलब्ध कराना। हिंसा से पीडित महिलायें, जिसमें 18 वर्ष से कम आयु की बालिका भी सम्मिलित है, को सहायता प्रदाय करना। 18 वर्ष से कम आयु की बालिकाओं की सहायता के लिए लैंगिक अपराओं में बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं किशोर न्याय (बालक की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 अंतर्गत गठित संस्थाओं को सेन्टर से जोडना।
वन स्टाप सेंटर में प्रदाय की जाने वाली सेवायें
वन स्टाप सेंटर मेंआपातकालीन स्थिति में बचाव संबंधी सेवायें, हिंसा से पीडित महिलाओं को बचाव एवं रेफरल सेवायें प्रदान की जाती है। इस कार्य के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मुख्यमंत्री महिला हेल्प लाईन 181, 1090, 108 की सेवायें PCR वैन को केन्द्र से संबद्ध कर हिंसा से पीडित महिला को घटना की जगह से बचाव कर, समीपस्थ स्वास्थ्य सुविधा (शासकीय/प्रायवेट) या आश्रय गृह की सुविधा प्रदान की जायेगी)
वन स्टाप सेंटर में चिकित्सा सहायता
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की गाइडलाइन एवं प्रोटोकाल अनुसार हिंसा से पीडित महिला को तत्काल समीपस्थ अस्पताल में चिकित्सा सहायता/ जाँच हेतु रेफर किया जाता है। वन स्टापसेन्टर में FIR/NCR/DIR दर्ज कराने की सुविधा है।
मनो-सामाजिक सहयोग/परामर्श
पीडिता के साथ हुई हिंसा की प्रकृति अनुसार चिन्हित कुशल मनो-सामाजिक परामर्शदाताओं के पैनल से सेवाएं उपलब्ध कराई जाती है। यह परामर्श प्रक्रिया महिला को आत्मविश्वास बढाने में सहयोग प्रदान करती है एवं हिंसा से पीडित महिला को न्याय दिलाती है। परामर्श के लिये परामर्शदाताओं को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा निर्धारित गाईड लाईन एवं प्रोटोकॉल का पालन करना।
विधिक सहायता एवं परामर्श
विधिक एवं विधायी कार्य विभाग द्वारा संवेदनशील एवं समर्पित अधिवक्ताओं का चिन्हित चैनल सेन्टर में ही हिंसा से पीडित महिला को न्याय दिलाने के लिये विधिक सहायता एवं परामर्श देता है। पीडिता को उनके अनुकूल अधिवक्ता की सेवाएँ भी प्रदान की जाती है। अधिवक्ता की यह जवाबदारी होती है कि पीडिता के लिए विधिक प्रणाली का सरलीकरण किया जाये एवं न्यायालय में सुनवाई से उसे छूट प्रदान करने हेतु संबंधित अधिवक्ता द्वारा न्यायालय में अपना पक्ष रखा जाता है।
वन स्टाप सेंटर में आश्रय वन स्टाप सेन्टर में महिला को अस्थायी आश्रय भोजन, वस्त्र, चिकित्सा, परामर्श इत्यादि की सुविधा प्रदान की जायेगी 24 घण्टे ही सेन्टर में पीडिता को प्रवेश दिया जाता है। लम्बी अवधि के आश्रय हेतु स्वाधार गृह एवं अन्य शासकीय/अशासकीय आश्रयगृह में रहने की व्यवस्था की जाती है। हिंसा से पीडित महिला के बच्चों (बालक 8 वर्ष की आयु तक एवं समस्त आयु वर्ग की बालिकाएं) को अस्थायी आश्रय प्रदान किया जाता है। महिला को अस्थायी आश्रयगृह में प्रवेश देने का विवेकाधिकार सेन्टर प्रशासक के पास होगा। 18 वर्ष से कम आयु की बालिकाओं हेतु किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम-2015 एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 अन्तर्गत, पंजीकृत संस्थाओं को सेन्टर से जोडा जायेगा।