जिले में डेंगू से बचाव के उपायों की जानकारी के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाये – कलेक्टर शुक्ला
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देवास 14 सितम्बर 2021/ कलेक्टर चन्द्रमौली शुक्ला ने 15 सितम्बर से जिले में ‘’डेंगू पर प्रहार’’ महा अभियान चलाने तथा जिले में टीम बनाकर डेंगू रोकथाम की प्लानिंग बनाने, ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक गांव में टीम बनाकर डेंगू को राकने की कार्यवाही के निर्देश दिये है।
कलेक्टर शुक्ला ने निर्देश दिये है कि प्रत्येक घरो में लार्वा सर्वे, स्पेस स्प्रे, फागिंग, जल जमाव हटाने के लिए दल गठित करें। डेंगू से बचाव एवं नियंत्रण के उपायों की जानकारी जिले के नागरिकों तक पहुंचाने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाये। फॉगिंग एवं छिडकाव के लिए पर्याप्त मात्रा में क्रियाशील कम्प्रेसर पम्प, फॉगिंग मशीन, कीटनाशक, रसायन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। किसी भी क्षेत्र में लार्वा पाए जाने पर सर्वप्रथम लार्वा वाले पानी को खाली कराया जाय। डेंगू पॉजिटिव रोगी के घर के आसपास स्थित घरों में स्पेस स्प्रे किया जाये।
वर्तमान में डेंगू के प्रकरणों में वृद्धि देखने में आई है, जिसके दृष्टिगत राज्य शासन द्वारा 15 सितम्बर से डेंगू नियंत्रण के लिए ‘’डेंगू पर प्रहार’’ अभियान प्रारंभ किये जाने का निर्णय लिया गया है। इस अभियान में डेंगू से बचाव एवं नियंत्रण के उपायों की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने हेतु विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा तथा जिले मे डेंगू निरोधक गतिविधियां संचालित की जायेंगी।
वेक्टरजनित रोगों का बचाव एवं नियंत्रण आमजन के सहयोग से आसानी से किया जा सकता है। वर्षाकाल के प्रारंभ होते ही अनेक स्थानों पर जल-जमाव होने के कारण घरों में छोटे कंटेनर, टंकियों इत्यादि में एक सप्ताह से अधिक जल संग्रह करने की प्रवृत्ति के कारण डेंगू एवं चिकनगुनिया जैसे रोग फैलाने वाले एडीज मच्छर का प्रजनन शुरू हो जाता है तथा नियमित साफ सफाई न होने के कारण इन मच्छरों के लार्वा उत्पत्ति का स्त्रोत बन जाते हैं, जिससे माह अगस्त से अक्टूबर तक इन बीमारियों का प्रकोप अत्यधिक रहता है। ठंड देकर बुखार आना, पसीना देकर बुखार उतरना, कंपकपी आना, जी मचलाना, सिर दर्द, उल्टी इत्यादि मलेरिया व डेंगू के लक्षण है। मलेरिया बीमारी के नियंत्रण के उपाय के लिये ही नहीं, बल्कि मच्छरजनित अन्य बीमारियों जैसे-फाइलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया के प्रभावी नियंत्रण करना है।डेंगू मलेरिया के लक्षण- सर्दी व कंपन के साथ तेज बुखार, उल्टियां और सिरदर्द। पसीना आकर बुखार उतरना बुखार उतरने के बाद थकावट व कमजोरी होना।
यदि बुखार हो तो क्या करें- बुखार आने पर तुरंत रक्त की जांच कराएं। मलेरिया की पृष्टि होने का पूरा उपचार लें। खाली पेट दवा कदापि न लें। मलेरिया हेतु खून की जांच व उपचार सुविधा समस्त शासकीय अस्पतालों पर निःशुल्क उपलब्ध है।
डेंगू मलेरिया फैलाने वाले मच्छर कहां पैदा होते हैं- छत पर रखी पानी की खुली टंकियां। टूटे बर्तन, मटके, कुल्हड, गमलों में एकत्र जल में, बेकार फेकें हुए टायरों में एकत्र जल में, बिना ढंके बर्तनों में एकत्र जल में, कूलर में एकत्र जल में, किचन गार्डन में रूका हुआ पानी, गमले, फूलदान, सजावट के लिए बने फव्वारे में एकत्र जल में।
क्या करें- सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। घर के आस-पास के गढ्डों को भर दें। घर एवं आर-पास अनुपयोगी सामग्री में पानी जमा न होने दें। सप्ताह में एक बार अपने टीन, डिब्बा, बाल्टी इत्यादि का पानी खाली कर दें। दोबारा उपयोग होने पर उन्हें अच्छी तरह सुखायें। सप्ताह में एक बार अपने कूलर्स का पानी खाली कर दें, फिर सुखाकर ही उनका उपयोग करें। पानी के बर्तन आदि को ढक्कर रखें। हैण्डपंप के पास पानी एकत्र न होने दें।