इंडोनेशिया से कुछ मुसलमान जल्द आ रहे हैं अयोध्या ! वजह जानकर ओवैसी के होश उड़ जाएंगे

भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में इन दिनों बहुत सी तैयारियां चल रही हैं .. दशहरा भी करीब आ रहा है..अयोध्या में इस बार रामलीला का आयोजन कुछ ख़ास होने वाला है .. इस बार के राम-सीता की जोड़ी बहुत विशेष होगी …अबकी बार यहाँ एक अद्वितीय रामलीला का मंचन होने जा रहा है …इस मंचन को देखकर ओवैसी जैसे नेताओं के होश उड़ जाएंगे .. ऐसे नेताओं ने अपने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि रामलीला का मंचन ऐसे लोग भी कर सकते हैं ..

इस ख़ास मंचन की सबसे बड़ी बात यह है कि पहली बार रामलीला का मंचन मुस्लिम आबादी बहुल देश इंडोनेशिया के मुस्लिम कलाकार करेंगे .. इंडोनेशिया की खास बात यह है कि मुस्लिम बहुसंख्यक होने के बावजूद वहां रामलीला में बहुत आस्था है..यहाँ के मुस्लिम भगवान राम को महान ओर रामायण को आदर्श ग्रन्थ मानते हैं..

भारत में महर्षि वाल्मीकि की रामायण और गोस्वामी तुलसी दास द्वारा रचित रामचरित मानस के आधार पर मंचन करते हैं तो वहीँ इंडोनेशिया में कवि योगेर जी की लिखी रामायण का मंचन किया जाता है…वहां राजा दशरथ को विरंजन, सीता को सिंता ओर हनुमान को अनोमान कहा जाता है ..आपको बता दें कि इंडोनेशिया में तीन तरह की रामलीला होती हैं.. जिनके नाम पपेट, शैडो पपेट और बैले रामलीला हैं..
इस बार अयोध्या में इंडोनेशिया के कलाकार लगभग 13 दुर्लभ वाद्य यंत्रों के साथ रामलीला का आयोजन करेंगे,उनकी मंडली में 12 कलाकार मुस्लिम हैं, जिनमें 6 पुरुष और 6 महिलाऐं हैं…इंडोनेशिया की रामायण की एक खासियत यह है कि यहाँ के कलाकार रामलीला की शुरुआत सीता हरण से करते हैं और रावण के वध पर समाप्त कर देते हैं..ओवैसी जैसे नेताओं को ऐसे लोगों से सीख लेनी चाहिए कि कैसे किसी धर्म के प्रति आस्था रखनी चाहिए..

Post Author: Vijendra Upadhyay

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