एक वर्ष के अंदर हुआ फैसला, घर के बाहर गोली मारकर कर दी थी हत्या
देवास। देवास के चर्चित समीर राय हत्याकांड के पांचों आरोपियों को गुरुवार को पंचम अपर सत्र न्यायाधीश देवास की न्यायालय ने अपना एतिहासिक फैसला सुनाते हुए पांचों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा एवं 50-50 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। इस फैसले को देखते हुए जिला न्यायालय परिसर में सुबह से ही आरोपियों के परिजनों व समर्थकों का भारी जमावड़ा लग गया था। इसी को देखते हुए बड़ी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया था। यह फैसला शाम 5 बजे से पहले आना था, किंतु भोपाल जेल में बंद एक आरोपी के देवास आने में हुई देरी के कारण फैसला भी शाम करीब 6 बजे हुआ। इस फैसले के आने के बाद जहां मृतक समीर राय के पत्नी निकिता व उसके परिजनों के चेहरे पर संतोष के भाव नजर आए। वहीं आरोपियों के परिजनों के चेहरे मुरझा गए। उल्लेखनीय है कि गत 1 जून 2021 को बाइक पर सवार होकर आए 4 युवकों ने समीर राय को घर से बाहर बुलाकर गोली मार कर हत्या कर दी थी और फरार हो गए थे। इसके बाद समीर की पत्नी निकिता की रिपोर्ट पर आरोपी रोहित शर्मा पिता संतोष शर्मा, गोविंद चौधरी पिता किशोर चौधरी, विवेक उर्फ बबल सोलंकी पिता धूलसिंह सोलंकी, विजय उर्फ गंजू मालवीय पिता लक्ष्मण मालवीय तथा कपिल चौधरी पिता प्रभुलाल चौधरी के खिलाफ धारा 302, 120-बी, 34 तथा 25, 27 आम्र्स एक्ट के तहत सिविल लाइन थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। इस प्रकरण में पहली तारीख 23 दिसंबर 2021 को लगी थी और उसके बाद लगातार कई गवाहों के बयान व सबूतों के आधार पर गुरुवार को पंचम अपर सत्र न्यायाधीश ने पांचों आरोपी रोहित शर्मा, गोविंद चौधरी, विवेक सोलंकी, विजय मालवीय तथा कपिल चौधरी को धारा 302, 34 एवं 120 बी भादंसं में आजीवन कारावास व 50-50 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। वहीं आरोपी रोहित एवं कपिल को धारा 29 (अ) आयुध अधिनियम में 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास व 5-5 हजार रुपये के अर्थदंड व आरोपी गोविंद को धारा 27 (1) (ए) एवं 29 क आयुध अधिनियम में 3-3 वर्ष का कारावास व 5-5 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। इस प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी राजेंद्रसिंह भदौरिया जिला लोक अभियोजन अधिकारी और उदलसिंह मौर्य एडीओपी ने की।
जांच दल की पुलिस अधीक्षक ने की सराहना
समीर राय हत्याकांड के खुलासे में थाना प्रभारी सिविल लाइन संजय सिंह, एसआई गौरव नगावत, उपेंद्र नाहर, गणेशलाल जटिया, एएसआई प्रकाशचंद्र राजौरिया, राकेश बाबू शर्मा, ठाकुरलाल, प्रधान आरक्षक धर्मवीर, संतोष रावत आदि की सराहनीय भूमिका रही। इस कार्य की पुलिस अधीक्षक डॉ. शिवदयालसिंह ने सराहना करते हुए उत्साहवर्धन हेतु नगद इनाम से पुरस्कृत करने की घोषणा की।
पीयुष हत्याकांड का मुख्य आरोपी था समीर
करीब 9 वर्ष पूर्व एक जून को ही भोपाल रोड पर स्थित एक ढाबे पर पीयुष रघुवंशी की हत्या हुई थी। जिसमें समीर राय पिता रंजन राय मुख्य आरोपी था। इस हत्याकांड में समीर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी और घटना के समय समीर पैरोल पर छूट कर घर आया था। घटना वाले दिन वह अपनी पत्नी निकिता के साथ घर में ही बैठा हुआ था। इसी दौरान करीब 4 बजे करौली नगर स्थित समीर के घर के बाहर बाइक पर सवार होकर आए युवकों ने समीर को आवाज लगाकर बाहर बुलाया। समीर सहजता के साथ यह सोचकर घर से बाहर निकला कि उसका कोई मित्र आवाज दे रहा है। समीर जैसे ही घर से बाहर आया। उन युवकों में से एक युवक ने अपनी जेब से पिस्टल निकालकर सीधे समीर पर फायर कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।
मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा था : निकिता
गुरुवार को समीर राय हत्याकांड में फैसला आने के बाद मृतक समीर राय की पत्नी निकिता राय ने कहा कि मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा था कि मुझे एक दिन न्याय जरूर मिलेगा। आज मुझे न्याय मिल चुका है और मेरे पति के कातिलों को सजा मिल गई है। मैं न्यायालय के फैसले से पूरी तरह संतुष्ट हूं।