नेशनल मेडिकल कमिशन बिल के गठन के विरोध में चिकित्सकों ने दिया ज्ञापन

देवास। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के तत्वावधान में संपूर्ण भारत में 2 जनवरी को समस्त चिकित्सकों द्वारा हड़ताल कर काले दिवस के रूप में मनाया गया। देवास जिले की समस्त चिकित्सा सेवाएं प्रात: 6 से सायं 6 बजे तक बंद रखी गई। चिकित्सकों की मुख्य आपत्ति केन्द्र सरकार द्वारा मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को भंग कर उसके स्थान पर नेशनल मेडिकल कमिशन बिल के गठन का प्रस्ताव पारित करना है। बिल में जनविरोधी तथा चिकित्सा विरोधी प्रावधान प्रस्तावित है। जैसा कि आयुर्वेदिक, होम्योपैथी, यूनानी तथा पशु चिकित्सकों को एलोपेथी (अंगे्रजी दवाईया)पद्धति में इलाज करने की पात्रता देने का प्रावधान किया है जो कि अवैज्ञानिक एवं अव्यवहारिक होकर मरीजों के लिये प्राणघातक सिद्ध होगा। कतिपय देशों जैसे कि चीन, युक्रेन, फिलिपिंस आदि देशों द्वारा आर्थिक आधार पर अयोग्य विद्यार्थियों का चयन कर निम्न स्तर की एम बीबीएस के समकक्ष डिग्री प्रदान की जा रही है। ऐसे चिकित्सकों की प्रेक्टिस के लिये पात्रता परीक्षा का प्रावधान था जिसको की समाप्त करना प्रस्तावित है। बिना पात्रता परीक्षा के इन चिकित्सकों को मान्यता देने से देश की जनता एवं मरीजों के लिये घातक होगा। देश के मेडिकल कालेजों को अत्याधिक शुल्क लेने की छूट देने का प्रावधान है। नेशनल मेडिकल बिल में समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति, मेडिकल विषय में विशेषयोग्यता के आधार पर न होकर स्वयं सेवी संगठनों के प्रतिनिधियों तथा राजनीतिज्ञों द्वारा की जावेगी। विषय विशेषज्ञ न होने से उनके निर्णय अतथ्यात्मक तथा संदिग्ध रहेंगे। इन समस्त मांगों को लेेकर देवास के समस्त ऐलोपैथिक चिकित्सकों द्वारा प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन जिलाधीश को दिया गया । उक्त जानकारी अध्यक्ष डॉ. एस. के सरल एवं सचिव गिरीश मालवीय ने दी।

Post Author: Vijendra Upadhyay

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