संसार क्षेत्र में किए गए पाप तीर्थ क्षेत्र में नष्ट हो जाते हैं- शीलगुप्ता श्रीजी

देवास। भव सागर से जो तिरा सकता है उसे ही तीर्थ कहते हैं। ऐसे पावन तीर्थो की यात्रा से अपनी जन्मों जन्म की यात्रा समाप्त होती है। पूर्व ऋषियों ने भी कहा है कि- अन्य क्षेत्रे कृतं पापं तीर्थ क्षेत्रे विनश्यति, तीर्थ क्षेत्रे कृतं पापं वज्रलेपो भविष्यति । याने संसार के अन्य क्षेत्र में किए हुए पाप तीर्थ क्षेत्र के प्रभाव से नष्ट हो जाते हैं। लेकिन पवित्र तीर्थ क्षेत्र में किए हुए पाप वज्रलेप समान होते हैं, जो आसानी से नष्ट नहीं होते। श्री शंखेश्वर पाश्र्वनाथ मंदिर तुकोगंज रोड पर महान तीर्थो की भाव यात्रा आयोजित कराते हुए यह बात साध्वीजी श्री शीलगुप्ता श्रीजी एवं शीलभद्रा श्रीजी ने कही। तीर्थ क्षेत्रों की ओर भावपूर्ण ले जाते हुए आपने सर्वप्रथम देवास तीर्थ स्थित श्री शंखेश्वर पाश्र्वनाथ प्रभु को नमो जिणाणं कहकर वंदन किया। आगे बढ़ते हुए उज्जैन के अवंतिका पाश्र्वनाथ भगवान का स्मरण करते हुए बताया कि दो हजार वर्ष से भी पहले अवंति सुकुमार के पुत्र महाकाल ने इस प्रतिमा का निर्माण कराया था। मक्सी स्थित पाश्र्वनाथ भगवान को वंदन करते हुए आपने कहा कि सम्प्रति महाराजा द्वारा निर्मित यह प्रतिमा माण्डगढ के मंत्री संग्राम सोनी द्वारा निर्मित जिनालय में प्रतिष्ठित है। श्री पाश्र्वनाथ प्रभु की जन्मभूमि वाराणसी एवं निर्वाण भूमि सम्मेत शिखर की भावपूर्ण वंदना की गई। भोपावर स्थित शांतिनाथ भगवान को वंदन करते हुए बताया कि कृष्ण महाराज की पत्नी रूकमणि के भाई रूक्मी कुमार द्वारा यह प्रतिमा प्रतिष्ठित की गई थी। आंध्रप्रदेश स्थित कुलपाकजी तीर्थ में विराजमान श्री महावीर प्रभु का स्मरण करते हुए बताया कि भगवान ऋषभदेव के पुत्र भरत महाराज की अंगुठी के नीलम रत्न से निर्मित यह नीलवर्ण प्रतिमा अत्यंत मनभावन है। सौराष्ट्र में जूनागढ के पास स्थित गिरनार तीर्थ के मूलनायक परमात्मा श्री नेमीनाथ प्रभु की प्रतिमा वर्तमान विश्व में सबसे प्राचीन प्रतिमा है। हमें इन तीर्थो की भाव यात्रा एवं प्रत्यक्ष यात्रा करके हमारे मानव जन्म को सफल बनानकर सिद्ध पद प्राप्त करना है।
आगामी कार्यक्रम
2 अक्टोबर मंगलवार के लिये समग्र जैन समाज का नियम पूर्वाचार्यो द्वारा निर्मित 21 ग्रंथ का नामोच्चारण करें एवं नमो नाणस्स कहकर ग्रंथों को भाव वंदन करें। पूज्य साध्वीजी के प्रवचन प्रतिदिन प्रात: 9.15 से 10.15 तक हो रहे हैं।

Post Author: Vijendra Upadhyay

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