लोक शिक्षण संचालनालय अतिथि शिक्षकों की व्यथा समझे

सरकार की गलत नीतियों के कारण आज अतिथि शिक्षकों का वर्तमान तो प्रभावित हुआ ही है किंतु भविष्य भी सुरक्षित नजर नहीं आ रहा है सरकार ने विगत कई वर्षों से अल्प वेतनमान पर शासकीय विद्यालयों में अतिथि शिक्षक के रूप में सेवाएं प्रदान कर रहे अतिथि आज असहज महसूस कर रहे यहां तक की जो पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अतिथि है उन सभी का चयन नहीं हो पाया यह बड़े दुर्भाग्य की बात है ।

लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल ने भी अनुभवी, योग्य अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण हेतु सरकार को कोई राह प्रशस्त नहीं की जिससे अतिथि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित हो ।

लगभग 14 वर्षों से निरन्तर सेवा दे रहे अतिथि शिक्षकों ने विभाग के करोड़ों रुपए का बजट बचाया है यदि इनसे कार्य न करा कर नियमित शिक्षक रखते तो उन्हें पूरा वेतनमान के साथ सभी सुविधा प्रदान की जाती जिससे विभाग पर अधिक वित्त प्रभार होता जो कि अतिथि शिक्षकों ने महज अल्प वेतन पर सेवा देकर सरकार को लाभान्वित किया।

वहीं दूसरी ओर सामाजिक स्तर पर भी अतिथि शिक्षकों को वह सम्मान की दृष्टि से नहीं देखा जाता जो एक नियमित शिक्षक को देखा जाता है यहां वित्तीय विसंगति भी अतिथि शिक्षकों के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाती हैं

सौभाग्य से यदा कदा वर्ष में एकाध बार ही समय पर वेतन मिल पाता है नहीं तो 90 दिनों का 01 माह होता है अतिथि शिक्षकों का।

वर्षों से कार्यरत अतिथि शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाए तो यह नहीं माना जा सकता कि वह पढ़ाने के अयोग्य है जिस प्रकार सीएम राइज विद्यालयों के लिए पढ़ाने हेतु नियमित शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण नहीं हो सके ,उसका मतलब यह कतई नहीं है कि वर्षों से नियमित पद पर अध्यापन कराने के बावजूद यह परीक्षा पास न कर सके तो वे अयोग्य हो गए ।।

सोशल मीडिया पर कई बार अशुभ समाचार भी सुनने को मिलते है कि फलां फलां अतिथि शिक्षक ने बेरोजगारी से तंग आकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली ,मजबूरी वश।(जो कि बहुत गलत कदम है )।

अतः लेखन के माध्यम से लोक शिक्षण संचालनालय और सरकार दोनों मिलकर अनुभवी अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण हेतु कोई योजना बनाए और उनका भविष्य सुरक्षित करे ।

लेखक ✍️

उत्तीर्ण अतिथि शिक्षक की कलम से।
13/3/22

Post Author: Vijendra Upadhyay