देवास। ऑल इंडिया औद्योगिक पेंशन फेडरेशन की एक बैठक 24 जून को भोपाल के शाकीर सदन में आयोजित की गई थी। जिसमें मध्यप्रदेश औद्योगिक पेंशनर संघ के प्रतिनिधि मंडल को आमंत्रित किया गया था। विक्रमसिंह चौहान ,गिरधर शर्मा, बाबूलाल गेहलोद, डॉ. सुरेश यादव इस मीटिंग में उपस्थित थे। जिसमें 26 जून 18 को नई दिल्ली में होने वाली सीबीटी की बैठक के लिये अपने अपने विचार रखे।
26 जून को केन्द्रीय पेंशन बोर्ड की मीटिंग केन्द्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार की अध्यक्षता में संपन्न हुई जिसमें ऑल इंडिया पेंशन फेडरेशन के महासचिव उपस्थित थे। बैठक में काफी जोर शोर से चर्चा हुई परंतु केन्द्र सरकार न्यूनतम पेंशन 2000 रू पर ही सहमति के पक्ष में है। जिसे पेंशन फेडरेशन के द्वारा अस्वीकार कर दिया गया ।
वर्ष 2012 की वर्तमान मंत्री प्रकाश जावडेकर ने राज्यसभा में एक याचिका दायर की थी कि हमारी सरकार आती है तो हम एक वर्ष के अंदर पेंशन तीन गुना देंगे। राज्य सभा के सभापति ने याचिका को स्वीकार कर कोशियारी कमेटी का गठन किया गया। कोशियारी कमेटी के अध्यक्ष द्वारा 29 अगस्त 2013 को राज्यसभा के पटल पर रखी गई जिसमें 3000 रू न्यूनतम पेंशन व 3000 रू महंगाई भत्ता तुरंत दिया जाए यह सुप्रीम कोर्ट के द्वारा आदेशित किया गया था। यह बडे खेद की बात है कि हमारा 30 लाख करोड रूपया फंड सरकार के पास है जिसका 25 हजार करोड रूपया ब्याजा आता है एवं डेढ लाख करोड प्रतिवर्ष जमा होता है। फिर भी सरकार हमारा पैसा हमें देने को तैयार नहीं है। वर्तमान सरकार द्वारा सांसदों, विधायकों को जो एक दिन भी पद पर रहने पर 50 हजार रूपये पेंशन का हकदार मानती है सरकार उनके लिये सरकारी पेंशनरों के लिये पैसा अपने खजाने से देती है जबकि हम हमारा ही पैसा मांग रहे हैं।
पेंशन फेडरेशन के आव्हान पर यह तय किया गया कि समस्त पेंशनर भविष्य निधि कार्यालय इंदौर पर 2 जुलाई 2018 को दोपहर 1 बजे एकत्र होकर प्रदर्शन कर ज्ञापन देंगे। इसके पश्चात 9 जुलाई 18 को भविष्य निधि कार्यालय भोपाल में समस्त प्रदेश के पेंशनर दोपहर 12 बजे शत प्रतिशत उपस्थिति दर्ज करावें। जिससे सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार बढ़ी हुई पेंशन का लाभ शीघ्र मिल सके।