देवास। शहर कांग्रेस द्वारा लगातार यह बात उठाई जाती रही है कि देवास शहर के प्राइवेट हॉस्पिटल मरीजों को देख नहीं रहे हैं। वहीं जिला चिकित्सालय के हाल भी इतने बेहाल है कि डॉक्टर मरीजों को हाथ तक नहीं लगा रहे हैं ऐसी एक नहीं अनेक शिकायत पिछले एक माह से कोरोना महामारी के चलते आई है। कुछ दिन पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी निर्देश दिए की प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टर आवश्यक रूप से मरीजों को देखें अगर वे मरीजों को नहीं देखते हैं तो उनके हॉस्पिटल सील की जाए एवं लाइसेंस निरस्त किया जाए। वही जिला कलेक्टर ने भी डॉक्टरों की बैठक लेकर यह निश्चित किया था कि सुबह-शाम डॉक्टर सामान्य मरीजों को अपने यहां देखेंगे बावजूद आज तक यह व्यवस्था लागू नहीं हुई जो कि बहुत ही शर्मनाक जिस की कांग्रेस निंदा करती है। वही 3 दिन तक डिलीवरी के लिए जिला अस्पताल में भर्ती रसूलपुर की गुलशेरा पति इरफान ने डिलीवरी के बाद पेट दर्द की शिकायत की जिसका जिला चिकित्सालय में उपचार नहीं हुआ वहीं परिजन जब देवास के निजी चिकित्सालय में ले गए तो वहां से भी उन्हें मना कर दिया इस दौरान इन्दौर ले जाते हुए रास्ते में उसकी मौत हो गई।
जिला शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी, प्रवक्ता सुधीर शर्मा ने कहा कि आज मुख्यमंत्री के निर्देशों के बावजूद अस्पतालों में प्रारंभिक बीमारियों का इलाज नहीं हो पा रहा है। इसी के चलते लगातार मोते हो रही है। इतनी बड़ी घटना घटने के बाद आज कोई भी सरकार का जनप्रतिनिधि बोलने को तैयार नहीं है। जिला चिकित्सालय में हुई इस घटना की उच्च स्तरीय जांच की जाय वही पीडि़त महिला को प्रदेश सरकार पीडि़त परिवार को मुआवजा दे। और यह निर्देशित करें कि डॉ अनिवार्य रूप से प्रारंभिक बीमारियों का मरीज का इलाज करेंगे।