सूर्य को लग रहा है ग्रहण, आपके भाग्य को नहीं, घबराने के बजाय सिर्फ नियमों का करे पालन- गुरु गणेश, मार्गदर्शक

21 जून को लगने वाला ग्रहण साल का पहला सूर्य ग्रहण है, जिसे लेकर कई तरह की भ्रांतियां भी पैदा होने लगी है। कई ज्योतिषाचार्य ने अलग-अलग राशियों के जातकों के बारे में जिक्र करते हुए यह तक भविष्यवाणी कर दी है कि यह सूर्य ग्रहण कईयों को बर्बाद भी कर सकता है, लेकिन ऐसा कतई नहीं है। याद रहे कि यह ग्रहण सूर्य को लगने वाला है ना कि आपके भाग्य को..। आपको घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि कुछ नियमों का पालन करने की आवश्यकता है, जिससे आप और आपका परिवार सुरक्षित रह सकता है। इस सूर्य ग्रहण को एक अवसर के तौर पर लेना चाहिए, क्योंकि ग्रहण काल के दौरान कई मंत्रों को अभिमंत्रित किया जाता है, जिसे जपने से बुुुरा वक्त भी टल जाता है।
ज्योतिषाचार्य गुरु गणेश ने बताया कि यह सूर्य ग्रहण मेष, सिंह, कन्या, मकर राशि के लिए शुभ है। वृषभ, तुला, धनु और कुंभ राशि के लिए मिश्रित फल देने वाला है। इसका यह अर्थ नहीं है कि मिथुन, कर्क, वृश्चिक, मीन राशि के लिए यह बहुत अशुभ है। राशि के तकनीकी ज्ञान पर ध्यान देने के बजाय हमें यह देखना चाहिए कि हम इस सूर्य ग्रहण का लाभ कैसे ले सकते हैं तो आपको बताते हैं कि आप ग्रहण काल में अपने जो भी इष्ट देवता है उनका ध्यान कर मंत्र बार-बार जपे, जिससे वह सिद्ध हो जाए। इस मंत्र के सिद्ध होने के बाद जब भी आप पर कोई विपदा या परेशानी आएगी तो इस मंत्र को जपने से समस्या का समाधान होने लगेगा। ग्रहण के दौरान कई तरह के जीवों की उत्पत्ति भी होती है जिसे हम कीटाणु कहते हैं। बेहतर यह है कि हम इससे अपना बचाव करें और ईश्वर की भक्ति में अपना समय बताएं।

बड़े-बुजुर्ग भी बताते थे ये नियम, जिसका पालन करना चाहिए

  • ग्रहण के दौरान हमें खाना-पीना नहीं चाहिए और ना ही किसी तरह का व्यायाम करना चाहिए।
  • कोशिश यही होना चाहिए कि हम घर में अपने परिवार के साथ रहे और अपने भगवान की प्रतिमा के सामने बैठकर उनका ध्यान करें।
  • ग्रहण काल में मंदिर या भगवान की प्रतिमा को हाथ लगाना वर्जित है।
  • ग्रहण काल के दौरान आप अपने आराध्य देव का जाप करें। अगर आपको कोई मंत्र नहीं आता है तो आप गणेश अथर्वशीर्ष, हनुमान चालीसा जैसे पाठ भी पढ़ सकते हैं। यह नहीं कर पाने की स्थिति में आप अपने मोबाइल या ऑडियो प्लेयर पर भगवान का भजन या मंत्र लगाकर सुन भी सकते हैं।
  • याद रहे ग्रहण के बाद शुद्धीकरण करके ही भोजन करें।
  • ग्रहण से पूर्व भोजन बनाकर ना रखें बल्कि घर में गंगाजल या तुलसी का पानी छिड़ककर ही भोजन बनावे।
  • ग्रहण काल के दौरान घर से बाहर ना निकले क्योंकि ग्रहण के वक्त कई तरह के कीटाणु उत्पन्न होते हैं जो हमारे शरीर के लिए हानिकारक होते हैं ऐसा वैज्ञानिक भी मानते हैं।
  • ग्रहण के वक्त सोना भी वर्जित होता है इसलिए निंद्रा अवस्था में जाने से बचे।
  • ग्रहण के सूतक से पहले जल व खाने-पीने की सामग्री में तुलसी की पत्ती रख देना चाहिए।
  • रविवार को सूर्य ग्रहण होने से चूड़ामणि का दुर्लभ सहयोग निर्मित हो रहा है इसलिए स्नान, ध्यान, पूजन, जाप, पाठ, दान करने से पुण्य फल मिलता है।

कब तक रहेगा ग्रहण

ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले यानी 20 जून को रात 10:10 से लग जाएगा इस दौरान सभी मंदिरों के पट बंद कर दिए जाएंगे। रविवार को दोपहर 1:43 मिनट पर ग्रहण खत्म होगा। ध्यान रहे अगर आपकी कुंडली में सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण दोष है तो आप अनिवार्य रूप से महामृत्युंजय का जाप करें।

Post Author: Vijendra Upadhyay