बाबू भाटिया, देवास
देवास कोरोना महामारी पर प्रभावी नियंत्रण के लिए 1 से 15 जुलाई तक पूरे राज्य में किल कोरोना अभियान चलाया जाएगा। इसी के तहत देवास जिले में भी यह अभियान शुरू होगा। यह अभियान दो श्रेणियों में चलाया जाएगा। पहला कोविड-19 और दूसरा मलेरिया और डेंगू के संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान करने के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में सर्वे किया जाएगा। संदिग्ध मरीजों की पहचान कर उनका इलाज भी किया जाएगा।
शहरी क्षेत्र में डेंगू व मलेरिया के सर्वे के लिए 500 पायलट टीमें काम करेंगी। इसे लेकर मंगलवार को जिला अस्पताल में बैठक रखी गई। बैठक में डॉक्टर ने बताया कि हर आठ टीमों पर एक सुपरवाइजर टीम रहेगी, जिसमें एएनएम, मल्टी परपस हेल्थ वर्कर, सुपरवाइजर आशा कार्यकर्ता और नर्सिंग विद्याथियों में से दो सदस्य रहेंगे। मलेरिया के लक्षण दिखने पर रैपिड डायग्नोस्टिक किट से मौके पर ही मेडिकेशन दिया जाएगा। डेंगू से संक्रमित संदिग्ध व्यक्ति को रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) के जरिए फीवर क्लीनिक में रेफर किया जाएगा। यहां जरूरी चिकित्सा परामर्श के बाद उचित इलाज किया जाएगा कोविड के सर्वे में लगी सुपरवाइजर की टीम द्वारा कोविड-19 एप और सार्थक एप का उपयोग किया जाएगा। बैठक में सिविल सर्जन डॉक्टर अतुल बड़वाई, डॉक्टर मालवीय, डॉक्टर शुभांशु डगावकर उपस्थित थे।