प्रतिष्ठित डॉक्टर के खिलाफ बेबुनियाद आरोपों के खिलाफ आईएमए लामबंद


झूठी शिकायतकर्ता के खिलाफ थाने में की शिकायत
कार्रवाई नहीं हुई तो हड़ताल पर जाएंगे देवास के डॉक्टर

देवास। 37 वर्षों से बच्चों का इलाज कर अपनी बेहतरीन सेवाएं देने वाले देवास शहर के प्रतिष्ठित डॉ सुरेन्द्र शुक्ला के साथ अभद्र व्यवहार और झूठी शिकायत कर बदनाम करने की साजिश के खिलाफ आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) लामबंद हो गया है। डॉक्टर और अस्पताल ने मरीज के परिजन के खिलफ गाली-गलौज और अभद्रता की शिकायत थाने में दर्ज कराई है। आवेदन में बताया कि एक मरीज का परिजन शाहिद खान निवासी विनायक नगर, देवास डॉक्टर श्री शुक्ला पर गलत इलाज करने का मनगढंत आरोप लगा कर उन्हें बदनाम करने की साजिश की। एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की गई तो देवास में सभी डॉक्टर्स इसका पूरजोर विरोध करेंगे। आईएमए देवास के अध्यक्ष डॉ संजीव कुमार शर्मा ने बताया कि डॉ सुरेन्द्र शुक्ला बच्चों के वेल क्वालिफाईड डॉक्टर हैं। कई सालों तक भोपाल के हमीदिया और देवास जिला चिकित्सालय में अपनी उत्कृष्ट सेवाएं देने के बाद वे देवास के संस्कार हॉस्पीटल में हजारों बच्चों को जीवनदान दे चुके हैं। 24 अगस्त को विनायक नगर निवासी शाहिद खान अपने 5 साल के बच्चे नावेद को बुखार की शिकायत लेकर अस्पताल आए थे। यहाँ पूरी तरह चेकअप के बाद बच्चे को भर्ती किया गया। इलाज के दौरान रात 10 बजे अचानक शाहिद ने अस्पताल के स्टॉफ से बदतमिजी करते हुए गाली-गलौज करना शुरु कर दिया। बगैर किसी मेडिकल जानकारी के शाहिद मनगढंत आरोप लगाने लगा। यही नहीं वह बगैर किसी रैफर पेपर के अपने बच्चे को आईसीयू से उठाकर इंदौर ले गया। घटना के बावजूद डॉक्टर शुक्ला ने इंदौर स्थित निजी अस्पताल के डॉक्टर से सतत बात की और उन्हें ट्रीटमेंट और सिम्टोम्स के बारे में जानकारी दी। इंदौर में कुछ दिनों के इलाज के बाद नावेद अब पूरी तरह स्वस्थ है। इस बीच कई बार डॉक्टर शुक्ला ने संबंधित अस्पताल से बच्चे की खैर खबर भी ली। यही नहीं शाहीद ने 73 वर्षीय प्रतिष्ठित डॉ श्री शुक्ला की काबिलियत पर सवाल खड़ा करते हुए मनगढंत आरोप लगाए। झूठे और निराधार आरोपों के साथ अनर्गल प्रचार भी किया। यदि इस तरह मेडिकल साइंस को बगैर समझे मनमाने आरोपों से वरिष्ठ डॉक्टर्स की छबि धूमिल की गई। स्टॉफ से अभद्र व्यवहार किया गया। घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन ने कोतवाली पुलिस थाने में मामले की शिकायत भी दर्ज की है। घटना के दौरान सीसीटीव फुटेज समेत तमाम साक्ष्य अस्पताल प्रबंधन के पास मौजूद है। पुलिस और प्रशासन से आग्रह किया है कि अविलंब डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए गठीत मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट 2008 में प्रकरण दर्ज कर मरीज के परिजन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। यदि इस तरह की घटनाएं घटती रही तो डॉक्टर्स इलाज कैसे कर पाएंगे। एसोसिएशन ने कार्रवाई की मांग की है। यदि कार्रवाई नहीं होती है तो पूरे शहर की मेडिकल सुविधाएं रोक कर डॉक्टर्स और पैरा मेडिकल स्टॉफ विरोध प्रदर्शन करेगा।

Post Author: Vijendra Upadhyay