32 वर्षीय प्रत्युष व्यास मर कर भी जीवित रहेगा…

अँगदान_महादान,
कि मर के भी किसी के काम आएंगे।
दे अपनी जान उन्हें तो हम बचाएंगे।
मेरे ये अंग कई जिंदगी सजाएंगे।।
मुझे सब उन खुशी के आंसुओं पाएंगे….
आयेगी याद मेरी तो उन्हें देख मुस्कुराएँगे।।
यहीं रंहेंगे हम क्यो कँही पे जाएंगे।।

बागली निवासी 32 वर्षीय प्रत्युष
पिता स्वर्गीय श्री खेमचंद_व्यास माता चन्दादेवी व्यास को गुरुवार को अचानक उल्टी ओर सिरदर्द की शिकायत पर इंदौर स्थित शेल्बि हास्पिटल मे भर्ती कराया गया, जहा डाक्टरो ने उसे ब्रेन डेड घोषित किया। पर प्रत्युष इस दुनिया से जाते जाते तीन लोगों को ज़िंदगी दे गया । प्रत्युष की अंगदान की इच्छा थी । जिसे परिवार ने पूरा किया प्रत्युष की एक किडनी राजश्री अपोलो हास्पीटल इंदौर को तथा एक किडनी और लिवर चोइथराम हास्पीटल इंदौर तथा हार्ट फोर्टिस हास्पीटल मुम्बई को दिया गया है इससे बेहतर सेवा नही हो सकती कि दुनिया से जाते जाते जिंदगी बांट कर चला गया प्रत्युष।

Post Author: Vijendra Upadhyay

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