जहां विश्वास है वहीं ईश्वर का वास है- पं. प्रदीप मिश्रा

देवास। मुक्ति पाना सरल किंतु मोक्ष पाना कठिन। मुक्ति के बाद दूसरा जन्म मिलता है। मोक्ष से परमधाम प्राप्त होता है। ईश्वरी भक्ति विश्वास से प्राप्त होती है। जीवन की सार्थकता का मूल तत्व विश्वास को प्राप्त करने में संसार में विश्वास का सबसे बड़ा उदाहरण है सास जो कि एक अन्जान लड़की को बहु बनाकर लाती है और उसे सारा घर सौंप देती है। सास के इस विश्वास, संयम, समर्पण और सेवा और त्याग से पालन करने वाली वाली बहु ही घर को स्वर्ग बनाकर ईश्वरी तत्व को समावेश कर श्रेष्ठ संस्कारों में वृद्धि करती है। इसी तरह जीवन में आध्यात्म और भक्ति के भाव से ईश्वर पर विश्वास है वहीं ईश्वर का वास है। यह आध्यात्मिक प्रवचन मंडी धर्मशाला में नवनिधि सामाजिक संस्था द्वारा आयोजित 108 श्रीमद भागवत महोत्सव के दौरान भागवत भूषण पं. प्रदीप मिश्रा ने भागवत के मूल तत्वों के गूढ रहस्यों को बताते हुए कहे। आपने कहा कि नारी के रूप में श्रृंगार से पति रिझता है किंतु भागवंती रूपी पार्लर में आकर जो आत्मा का श्रृंगार करता है उससे जगतपति रिझता है। प्राप्ति का मूल तत्व ही परमात्मा है।
घर के संस्कार श्रेष्ठ है तो बेटे को कोई संगत नहीं बिगाड सकती
पानी की कमी से फसल बिगड जाती है किंतु जहां संस्कार की कमी होती है वहां की तो पूरी नस्ल बिगड जाती है। भागवत जीवन के आदर्श को सिखाती है। कथा प्रसंग में धु्रव चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि राजा उत्तानपात की दो पत्नी थी, सुनीति और सुरूचि, जो नीति के मार्ग पर चलने का संस्कार अपने बच्चों को देती है वही नारायण के दर्शन कर सकता है और संसार में श्रेष्ठ बन सकता है। सुरूचि तो स्वार्थ का ही एक रूप होती है। पुरूषोत्तम मास में ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करने वालों से लक्ष्मी प्रसन्न रहती है। यह मंत्र पुरूषोत्तम मास में श्री नारायण ने माता लक्ष्मी को दिया था। इस मास में मालपुए पर अलग अलग दिन लोंग, तुलसी, गीता, मोती, दीपक, स्वर्ण, चने की दाल, आदि रखकर ब्राह्मण को दान किया जाता है तो पितृ दोष नष्ट हो जाते हैं। यज्ञ में कपूर की आहूति देने से अश्वमेघ यज्ञ का फल मिलता है। घर के मटके से पानी लेजाकर शिवलिंग पर चढ़ाने से कालसर्प योग और पितृदोष नष्ट हो जाता है। कथा में ऐसे अनेक सूत्रों को बताते हुए कथा प्रसंग को रोचकता के साथ प्रस्तुत कर जड़ भरत की कथा, समुद्र मंथन का वर्णन, वामन अवतार में राजा बली के चरित्र का वर्णन किया गया। राजा बली एवं वामन अवतार की सुंदर झांकी ने श्रोताओं का मन मोह लिया। राजा बली का रूप रोहित गोयल तथा भगवान वामन का वेश राजकुमार बंसल ने धारण किया। 108 भागवत यजमानों द्वारा व्यासपीठ की पूजा की गई। आरती में विशेषरूप से कांगे्रस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव सज्जनसिंह वर्मा, म.प्र. कांगे्रस कमेटी के महामंत्री मनोज राजानी, पूर्व महापौर जयसिंह ठाकुर, रेखा वर्मा, संतोष मोदी, सुधीर शर्मा, विक्रम मुकाती, लायन्स क्लब के डॉ. के के धूत, डॉ. आर सी शर्मा, डॉ. प्रकाश गर्ग, सुरेश शर्मा, रमेशचंद्र अग्रवाल, महेन्द्र कुमार नागर, जयसिंह सेंधव, बालकिशन गर्ग, चंद्रपालसिंह सोलंकी, सत्यनारायण सोलंकी, राधेश्याम अग्रवाल, प्रहलाद अग्रवाल, आदि उपस्थित थे। चामुण्डा सेवा समिति द्वारा महाराज प्रदीप मिश्रा का नागरिक अभिनन्दन रामनिवास मंगल, शरद अग्रवाल, रामेश्वर जलोदिया, कैलाश अग्रवाल हरदावाले, ओम बंसल, राजू अग्रवाल, हीरालाल अग्रवाल आदि ने किया।
मीडिया प्रभारी चेतन उपाध्याय ने बताया कि आज कथा प्रसंग में श्रीराम जन्म एवं श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा

Post Author: Vijendra Upadhyay

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