मुक्ति उसे ही मिलती है जिसका मन मरता है – पं. प्रदीप मिश्रा

देवास। मन यदि सांसारिक विषयों के चिंतन को छोड दे तो वह ईश्वर में लीन हो सकता है। भागवत कथा का आकर्षण मन को ईश्वर में लीन कर सकता है। पूर्व जन्म का शरीर चाहे मर गया हो किंतु पूर्व जन्म का मन लेकर जीवात्मा इस जन्म में आती है। मन को प्रतिकूल बातों में से हटाकर अनुकूल विषयों से जोड दो। राजा परीक्षित को मात्र सात दिनों में मुक्ति प्राप्त करानी यदि उसका मन कृष्ण के सिवाय किसी अन्य वस्तु में रहता तो तमुक्ति मिलने की संभावना नहीं रहती, मुक्ति उसे मिलती है जिसका मन मरता है। यह आध्यात्मिक विचार मंडी धर्मशाला में नवनिधि सामाजिक संस्था द्वारा आयोजित 108 श्रीमद भागवत महोत्सव में कथा के चतुर्थ दिवस भागवताचार्य पं. प्रदीप मिश्रा ने व्यक्त करते हुए कहा कि जिस प्रकार अवस्था के चार चरण है। चौथा चरण मनुष्य की 60 वर्ष की अवस्था से प्रारंभ होता है जो यह दर्शाता है कि 60 वर्ष पूर्व परिवार के लिये कर्म करो उसके पश्चात सतसंग के साथ भक्ति करो तभी अपनी मुक्ति के मार्ग को प्रशस्त कर सकते हो। जिस घर में रामायण और गीता होती है उस घर की रक्षा के लिये हनुमानजी सदा वास करते हैं। गीता के एक एक शब्द में कृष्ण का वास है इस ग्रंथ को लाल कपड़े में बांधकर रखें । एक इनका नित्य पाठ होना चाहिये। जिस घर में रामायण और गीता का पाठ होता है वहा ईश्वर का सदैव वास रहता है।
यमुना में स्नान, गंगा का पान तथा नर्मदा के दर्शन मात्र से पुण्य प्राप्त होता है
नर्मदा कुंवारी नहीं है, कथा में महाराज श्री ने बताया कि नर्मदा नदी केवल अमर कंटक से सात गांव की दूरी तक ही कुंवारी मानी जाती है। ब्रह्माजी द्वारा गुरूपुष्य के साथ नर्मदा का विवाह किया गया था। अगर नर्मदा कुंवारी होती तो हजारों वर्षो से स्नान करने वाले पुरूष पाप के भागीदार होते। राजा बली की कथा का वर्णन करते हुए दान की महिमा के अनेक वृतांतों का चित्रण किया। राजा अमरीश की कथा के साथ भगवान राम के जन्म की कथा का विस्तार से वर्णन तथा द्वापर युग में चंद्रवंश की कथा के साथ भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का वर्णन करते हुए प्रसंगों में वर्णित गाथाओं का आध्यात्मिक चित्रण कर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। श्रीकृष्ण जन्म की सुंदर झांकी में वासुदेवजी द्वारा बालकृष्ण को गोकुल ले जाने का सजीव दृश्य दिखाया गया। नंदबाबा एवं यशोदा की भूमिका डॉ. प्रकाश गर्ग एवं मंजुला गर्ग ने निभाई, समूचा पांडाल कृष्ण भक्ति से सराबोर हो गया। श्रीमद भागवत की पूजा म.प्र. शासन के शिक्षा मंत्री दीपक जोशी एवं विजया जोशी ने की। अग्रवाल महिला महासभा द्वारा भागवताचार्य का स्वागत किया गया। आरती में भाजपा के जिलाध्यक्ष गोपीकृष्ण व्यास, डी डी मित्तल सीहोर वाले, खाटूश्याम समिति के ट्रस्टी श्याम शर्मा, ओमप्रकाश बंसल, प्रेम कुमार अग्रवाल, मंडी व्यापारी एसो के अध्यक्ष सुरेश कुमार बम, प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश खत्री, सचिव दिनेश मिश्रा, विशाल शर्मा, श्री गेहलोत, राजेश गोयल आदि आरती में उपस्थित थे। महिला श्रोताओं की उपस्थिति से कथा पांडाल छोटा पड़ा । आज कथा में भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला का सुंदर वर्णन एवं छप्पन भोग की झांकी प्रस्तुत की जाएगी।

Post Author: Vijendra Upadhyay

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