देवास। रंगमंच एवं ललितकला के लिए समर्पित अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती द्वारा प्रतिवर्षानुसार आयोजित रंगभरों प्रतियोगिता का आयोजन उत्कृष्ट विद्यालय में देवास कलेक्टर डॉ. श्रीकांत पांडेय के मुख्य आतिथ्य में नारायणकुटी सन्यास आश्रम के संत माधवानंदजी की अध्यक्षता, प्रेस क्लब अध्यक्ष अनिल सिकरवार, संस्कार भारती मालवा प्रांत के संगठन मंत्री प्रकाश पंवार, देवास इकाई कार्यवाहक अध्यक्ष शशिकांत वझे, मातृशक्ति प्रमुख चंद्रकला रघुवंशी के आतिथ्य में प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम का आरंभ अतिथियों द्वारा प्रात: माँ सरस्वती व भगवान श्रीकृष्ण के पूजन, दीप प्रज्जवलन से हुआ। अतिथियों का स्वागत संस्कार भारती की ओर से श्रीधर बागलीकर, जितेन्द्र त्रिवेदी, माधवानंद दुबे, कविता सिसोदिया, डॉ. रंगभरी काशिव, वैशाली अग्रवाल, साधना वझे, प्रफुल्लसिंह गेहलोत, कल्पना नाग, आशुतोष कुमार, अशोक शर्मा, अरूण मणपे, धनंजय गायकवाड, नयन कानूनगो, जितेन्द्र राठौर, डॉ. जुगलकिशोर राठौर द्वारा किया गया। संस्कार भारती का परिचय उमेश जोशी ने देते हुए विगत कई वर्षो से आयोजित होने वाली इस रंगभरो प्रतियोगिता की सृजनात्मकता, कला विधाओं के प्रति समाज में जागरूकता व सांस्कृतिक परम्पराओं, संस्कारों को पुन: स्थापित करने के प्रयासों की जानकारी दी। आपने बताया कि प्रतियोगिता का उद़देश्य बच्चों के मन में अपनी प्रतिभा को समाज में व्यापक आधार प्रदान करने का प्रयास है। कलेक्टर श्री पाण्डेय ने अपने उद्बोधन में संस्था के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन हजारों बच्चों के कला कौशल को एक नई दिशा प्रदान करते हैं। मध्यप्रदेश के तीन महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय धरोहर में मुख्य रूप से भीम बेटका के भित्तीय चित्रकला का स्थान के महत्व को बताते हुए आपने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए हमारी सांस्कृतिक परम्पराओं के माध्यम से इस प्रकार के प्रयास निश्चित ही बधाई के पात्र है। परम पूज्य संत माधवानंद जी ने रंग प्रतिभाओं को देखकर अपने आशीर्वचन देते हुए कहा कि कला ईश्वर को पाने का सर्र्वोत्तम साधन है। वरिष्ठ समाजसेवी अनिलराज सिकरवार ने विगत 10 वर्षो से सतत आयोजित होते आ रहे इस आयोजन को एक ऐसी उपलब्धि बताया कि जिसके बिना जन्माष्टमी का पर्व देवास मतें अधूरा ही माना जाएगा, ऐसे आयोजन बाल कलाकारों के व्यक्तित्व विकास के लिये बहुत महत्वपूर्ण है।
जिला पुलिस अधीक्षक अंशुमानसिंह द्वारा प्रतियोगिता के द्वितीय सत्र का उद्घाटन किया गया। अपने सम्बोधन में आपने बच्चों के सर्वांगीण विकास में चित्रकला की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए बाल प्रतिभाओं का उत्साहवर्धन किया। आपने प्रतियोगिता का अवलोकन करते हुए बाल प्रतिभाओं को बधाई दी। भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं से संबंधित चित्रों की आयोजित प्रतियोगिता में करीब 50 से अधिक विद्यालयों के बच्चों द्वारा दो वर्गो अ वर्ग में कक्षा 1 से 4 तथा वर्ग ब में कक्षा 5 से 8 तक के बच्चों से श्रीकृष्ण के बाल रूप के रेखा चित्र में सुंदर रंग संयोजन किया गया। दोनों वर्गो में संस्कार भारती की ओर से रंग भरने हेतु रेखा चित्र, बच्चों को अल्पाहार व मासिक पत्रिका देवपुत्र प्रदान की गई। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अशोक जाधव, अजय गुप्ता, अशोक सोलंकी, डॉ. के.के. धूत, अशोक शर्मा, विपिन रघुवंशी, आशुतोष कुमार, विजेन्द्र उपाध्याय, अमित जैन, जितेन्द्र राठौर, अमरदेवसिंह का सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन माधवानंद दुबे ने किया तथा आभार जितेन्द्र त्रिवेदी ने माना।