जीवन का कल्याण करना हो तो श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जाप करें- पं. शर्मा

देवास। भगवान शंकर के पंचाक्षरी नाम के प्रताप से बड़े बड़े ऋषि महात्मा के साथ साथ आसुरी प्रवृत्ति ने अपनी मुक्ति के मार्ग को प्रश्स्त किया है। भगवान शिव भाव के भूखे हैं। घर के शुद्ध जल से भरे लोटे को ले जाकर शिवलिंग पर जलधार चढ़ायें तथा एक बिल्व पत्र अर्पण करें अपने जीवन का कल्याण करना हो तो भक्ति भाव से श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जाप करें। भगवान भोलेनाथ मनोकामना पूर्ण करेंगे। इस सिद्ध मंत्र की महिमा का वर्णन करते हुए यह आध्यात्मिक विचार भागवत कथा सेवा समिति व समस्त बिंजाना ग्रामवासियो द्वारा जय बाबा बर्फानी सेवा समिति, खेड़ापति युवा ग्रुप एवं महांकाल युवा ग्रुप के सहयोग से श्री महादेव मंदिर पर गांव में चल रही श्री शिव महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ में होशंगाबाद से पधारे पं. रामगोपाल जी शर्मा ने कहे। उन्होने कहा कि भगवान शिव के पास आडम्बर नहीं है वे मुर्दो की भस्म धारण इसलिए करते है कि मनुष्य मरने के बाद जलने के पूर्व उपस्थित अपने जन से राम नाम सत्य है बुलवाता है। जिसके कारण प्रभु राम के नाम का उच्चारण होता है, वो शव तो राम मय हो जाता है। उसकी भस्म में राम समाहित हो जाता है यही कारण है कि शिव अपने शरीर पर उनकी भस्म को धारण करते हैं। श्री शिव महापुराण कथा प्रतिदिन प्रात: 11.30 से 3.30 बजे तक चलेगी। आयोजक समस्त ग्रामवासियो ने समस्त श्रद्धालुओ से अधिक संख्या में कथा श्रवण करने की अपील की है।

Post Author: Vijendra Upadhyay

Leave a Reply