देवास। म.प्र. शासकीय वाहन चायल यांत्रिकी कर्मचारी संघ अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन की राह पर है। बुधवार को संघ के सदस्यों ने मुख्यमंत्री के नाम डिप्टी कलेक्टर राजेन्द्रसिंह रघुवंशील को ज्ञापन सौपा। ज्ञापन में मांग की गई कि हाल ही में शासन के आदेश पर स्थाई किए गए कर्मियों को नियमित कर्मचारियों के समान सुविधा का लाभ दिया जाए। कार्यभारित एवं आकस्मिक सेवा निधि सेवा के वाहन चालक, यांत्रिकी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के समय अवकाश, नगदीकरण के लाभ सहित नियमित कर्मचारियों के समान समस्त सुविधाओं का लाभ नियुक्ति दिनांक से दिलाया जाए। ओवर टाईम भत्ता या साल में एक माह के अतिरिक्त वेतन की व्यवस्था की जाए, वाहन चालकों का पदनाम परिवर्तित कर व्हीकल आपरेटर या व्हीकल पायलेट किए जाए। संघ के सदस्यों के लिये मकान बनाने के लिये शासकीय भूमि उपलब्ध, आवंटित कराई जाए। वाहन चालकों की भर्ती पर लगी रोक हटाई जाए। शासकीय वाहन खरीदकर विभागों में लगाई जा रही टेक्सियों को बंद किया जाए। शासकीय वाहनों का बीमा कराया जाए। कर्मचारियों के लिये विभाग द्वारा निशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराए जाए। नगर निगम,नगर पालिकाओं केे वाहन चालकों एवं यात्रिकी कर्मचारियों को भी अन्य कर्मचारियों के समान साप्ताहिक अवकाश का लाभ दिया जाए। नगर निगम, नगर पालिकाओं के वाहन चालकों एवं यात्रिकी कर्मचारियों को भी कलेक्टर दर से वेतन का भुगतान किया जाए। वाहन चालक व यात्रिकी कर्मचारियों को पेंशन एवं ग्रच्युटी का लाभ नियुक्ति दिनांक से दिया जाए।
संघ के जिलाध्यक्ष अशोक सोनी ने बताया कि पूरे प्रदेश में बुधवार को प्रांतीय आव्हान पर स्थानीय शाखा के सदस्यों ने कलेक्टर को मांगों के निराकरण के लिये ज्ञापन सौंपे । शासकीय वाहन चालक विभिन्न विभागों मेूं पदस्थ होकर अपनी ड्यूटी , सजगता, कर्तव्य निष्ठा व ईमानदारी से पूर्ण कर रहे हैं इसके बावजूद सरकार हमारी मांगों की ओर ध्यान नहीं दे रही है। यदि जल्द ही मांगों पर विचार नहीं किया गया तो हम आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे। इस अवसर पर महेन्द्र तोमर, विक्रम दसौंधी, कमलेश अवस्थी, राजेन्द्र मीणा, कृष्णपालसिंह सोलंकी, ओमप्रकाश भार्गव, आरिफ पठान, रसूल भाई, कृष्णाजीराव गोंदकर सहित अन्य वाहन चालक उपस्थित थे।