किसी भी कीमत पर सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा न लांघेंगरीबों के लिए आज भी चिंतित दिखे देश के प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी ने अपील की इस बार पांच अप्रैल को पूरे 130 करोड़ देशवासियों के महाशक्ति का जागरण करना है। पूरी दुनिया को दिखा देना है कि हम महाशक्ति हैं। पांच अप्रैल, रविवार नौ बजे घर की सभी लाइटें बंद करके नौ मिनट तक घर के दरवाजें पर या बॉलकनी में खड़े रहकर मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाकर दुनिया को प्रकाश की महाशक्ति का एहसास कराना है।
आपने इन नौ दिनों जिस तरह से साथ दिया है, वह प्रशंसनीय है। जिस प्रकार 22 मार्च को पांच बजे कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने वालों का धन्यवाद दिया, वह भी पूरी दुनिया में एक मिसाल बन गया। पूरी दुनिया को आपने सामूहिक शक्ति का एहसास कराया। यह संदेश गया कि देश कोरोना के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ सकता है। हालांकि यह प्रश्न भी मन में आते होंगे कि कितने दिन ऐसे काटने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हम लोग अपने-अपने घर में जरूर हैं, लेकिन कोई अकेला नहीं है।
पूरी दुनिया को यह दिखा देना है कि पूरा देश एक ही मकसद के लड़ रहा है। उस उजाले में हम यह संकल्प लें कि हम अकेले नहीं है। कोई भी अकेला नहीं है। 130 करोड़ देशवासी एक ही संकल्प के साथ कृतसंकल्प है। इस आयोजन के समय किसी को भी कहीं पर भी इकठ्ठा नहीं होना है। रास्तों में, गलियों में नहीं जाना है। अपने ही घर के दरवाजे और बॉलकनी में यह करना है। सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा को लांघना नहीं है। किसी भी कीमत पर नहीं घर से निकलना है। कोरोना की चेन तोड़ने के लिए यही रामवाण इलाज है।
उस दिन कुछ समय एकांत में बैठकर मां भारती की चिंता करिए। 130 करोड़ जनता के बारे में सोचिए, तब जीतने का आत्मविश्वास मिलेगा। भारतीय परम्परा में कहा गया है- हमारे उत्साह से बढ़कर दुनिया में ऐसा कुछ भी नहीं है जो इस ताकत से हासिल न कर सकें। आइए साथ आकर कोरोना को हराएं और दुनिया को विजयी बनाए।