मेरे मन में कोई दुर्भावना नहीं, गंभीर परिणाम से नहीं डरता- सुभाष शर्मा

देवास। कैलादेवी ट्रस्ट एवं कालोनाईजर मन्नुलाल गर्ग एवं दीपक गर्ग द्वारा लगातार दी जा रही धमकी एवं सड़कों के कथित भ्रष्टाचार के आरोप प्रत्यारोप का जवाब देते हुए महापौर सुभाष शर्मा ने कहा कि देवास कैलादेवी मंदिर ट्रस्ट से या गर्ग परिवार से मेरी कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है। उन्होंने ही नाले एम आर पर पुलिया बनाने से पहले दोनों साईड में सर्विस रोड एवं मंदिर तक एम आर रोड बनाने की मौखिक सहमति पूर्व निगम कार्यपालन यंत्री सुरेश व्यास को दी थी उसके तहत ही मिश्रीलाल नगर नाले पर (एम आर रोड) पर पुलिया निर्माण 40-40 लाख की लागत से एवं सर्विस रोड लगभग 45 लाख की लागत से नगर निगम द्वारा यह निर्माण करने हेतु निर्णय लिया गया था। एवं दूसरी साईड के सर्विस रोड व नाली निर्माण हेतु टेंडर जारी किए गए। लेकिन दुर्भावना पालते हुए दीपक गर्ग द्वारा एक व्यक्ति सुभाष इंदरमल शर्मा के नाम से झूठी शिकायत मुख्यमंत्री, प्रिट मीडिया, सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार करते रहे हैं। हमने अभी तक जो भी निर्णय लिये है वह देवास नगर की जनता के हित में, नगर निगम संस्था के एवं क्षेत्र मे रहने वाली जनता के हित में लिए हैं।
सुभाष शर्मा ने बताया कि एबी रोड की प्रापर्टी केन्द्रीय सरकार के नेशनल हाईवे की है ना कि निर्माण एजेंसी सीपीडीसी की इसमे जनता व मीडिया को भ्रमित किया जा रहा है। और जहां तक नेशनल हाईवे पर गेट ट्रस्ट का लगाया गया है उसकी अनुमति न तो स्थानीय निकाय ना ही जिला प्रशासन व ना ही नेशनल हाई वे आथोरिटी किसी से भी नहीं ली गई है। नगर निगम देवास द्वारा दीपक गर्ग को आठ दिन पूर्र्व ही नोटिस दिया गया कि गेट का एक पायदान नवनिर्मित नाले में आ रहा है उसको आगे या पीछे करे या हटा लेवें तो उन्होंने लिखित जवाब दिया कि मेरी कोई संपत्ति नहीं है इस प्रकार से दोहरा रवैया रखकर आंदोलन की धमकी दी जा रही है।
श्री शर्मा ने बताया कि मैं गर्ग परिवार के चांदी के जूते खा कर राजनीति में जिंदा नही हूं, ना ही जान से मारने की धमकी से डरता हूँ। मैं हमेशा शहर हित में निर्णय लेता रहा हूँ एवं आप जैसे कालोनाईजर से लड़ता भी रहूंगा।
स्वीकृति एवं एनओसी में कौन कौन से विभाग होना चाहिये उनमें स्थानीय निकाय, विद्युत विभाग, जिला प्रशासन (नजुल), देवास विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग म.प्र., नेशनल हाईवे आथोरिटी इन सभी की स्वीकृति एवं एनओसी होना चाहिये। इसी बीच शहर के बीचोबीच एन.एच. 3 की सडके नगर निगम देवास को हेण्ड ओवर करने की प्रक्रिया भी प्रचलित है।

Post Author: Vijendra Upadhyay

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