ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजने की दिशा में ही उनका जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण किया जा रहा है- महापौर सुभाष शर्मा

देवास। नगर पालिक निगम देवास के द्वारा शहर की रियासत कालीन धरोहरों में मल्हार स्मृति मंदिर भवन, उद्यान, विक्रम सभा भवन, कुश्ती एरिना का
जीर्णोद्धार इन्हें सहेजने का कार्य किया जा रहा है। इसमें किसी प्रकार की कोई छेड छाड या मनमर्जी पूर्वक कोई कार्य नहीं किया जा रहा है। इसमें
शहर के कुछ लोग जो आगामी चुनाव को देखकर राजनीति से प्रेरित होकर आरोप लगा रहे है जो तथ्य परक नहीं है।
उक्त वक्तव्य महापौर सुभाष शर्मा ने देते हुए कहा कि शहर की ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजने का हमारा दायित्व है।
हम इसे बखूबी निभा रहे है। महापौर ने आगे कहा कि मल्हार स्मृति मंदिर भवन में वर्ष 2001 के कांगे्रस परिषद द्वारा किए गए परिवर्तन के बाद मंच
के पिछले हिस्से में रियासतकालीन राजपरिवार के चित्र पूर्णरूप से
क्षतिग्रस्त हो गए थे इन चित्रों के रियासतकालीन रेकार्ड के आधार पर एकत्रित कर उन्हें उसी वैभव, सौदर्य एवं आकर्षक रूप में स्थापित किया
जावेगा साथ ही मंच के आसपास संदेश पट्टिका भी बनवाकर लगाएं जाएंगे। मल्हार स्मृति मंदिर भवन को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजनों हेतु सुसज्जित कर नागरिकों को एक सौगात के रूप में सौंपा जाएगा। आगामी समय में धरोहरों के लिए इतिहासकार, शिक्षाविद, चित्रकारों की एक समिति भी बनाई जाएगी।आज नगर निगम द्वारा इन धरोहरों के जीर्णोद्धार का कार्य प्रगति कर रहा है तो शहर के ऐसे कुछ इतिहासकार एवं राजनीति करने वाले एक जाजम पर जमा होकर विरोध कर रहे है जिन्हें शहर के विकास एवं रियासतकालीन धरोहरों पर राजनीति करते हुए आम जनता को भ्रमित कर रहे है। महापौर ने कहा कि विरोध करने वाले ये लोग जब कहां थे जब देवास जुनियर का राजबाडा धरोहर होने के बावजूद विक्रय हुआ तथा शिवाजी उद्यान में छत्रपति महाराज की प्रतिमा लगी होने के बावजूद राष्ट्रपिता की प्रतिमा लगी। विक्रम सभा भवन में श्री जवाहरलालजी की प्रतिमा लगाई गई एवं टाटा गार्डन में भी पूर्व परिषद द्वारा बिल्डिंग निर्माण की गई है। उन्होंने आगे कहा कि नगर निगम द्वारा पुरातत्वकालीन एवं रियासतकालीन धरोहरों में शीलनाथ धुनि संस्थान, भोलनाथ मंदिर, नागदा गणेश मंदिर, भोलेनाथ बिलावली मंदिर, लालगेट, नाहर दरवाजा के साथ ही कुश्ती एरिना का जीर्णोद्धार म.प्र. सरकार एवं भारत सरकार की निधियों से कराया जा रहा है।
महापौर श्री शर्मा ने कहा कि मल्हार स्मृति मंदिर के उद्यान को श्रीमंत महाराज सदाशिवराव के नाम से ही नामकरण तथा उनकी प्रतिमा स्थल को विकसित कर सौंदर्यीकरण किया जाएगा। साथ ही शहर के बुजुर्गो की सुविधा एवं बच्चों के मनोरंजन हेतु उद्यान को विकसित किया जाएगा। उद्यान के पीछे के हिस्से में रिक्त भूमि पर एक ओपन जिम भी बनाया जाएगा। जो उद्यान में आने वाले नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधा के साथ उनको रूचिकर संसाधन भी उपलब्ध कराएंगे। इंदौर नगर निगम द्वारा भी रियासतकालीन राजबाड़ा, गांधी उद्यान एवं ऐसी कई धरोहरों का सौदर्यीकरण आवश्यकतानुसार किया गया है। महापौर ने आगे कहा कि हमारा लक्ष्य शहर के समुचित विकास के साथ साथ धरोहरों को सहेजना ही जनभावना का आदर है। अच्छा हो कि आरोप लगाने वाले हमें सहयोग में मात्र इतना करें कि हम पर अनर्गल आरोप नहीं लगाए ना ही जनता को दिग्भ्रिमित करें।

Post Author: Vijendra Upadhyay

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