- ठगी के शिकार हुए 11 लोगों ने की कलेक्टर को शिकायत
देवास। शासन-प्रशासन की लाख सख्ती के बाद भी धोखाधड़ी करने वाले लोग व संस्था भोले-भाले लोगों को आए दिन ठगी का शिकार बना रहे है। खास बात यह है कि ठगी का शिकार अनपढ़ लोग नहीं बल्कि पढ़े-लिखे लोग ही बन रहे है। ऐसा ही एक मामला देवास में प्रकाश में आया है, जिसमें आयुर्वेद स्वर्णा प्रासन ड्राप पिलाने के नाम पर देवास शहर के करीब 11 लोगों को एक संस्था ने करीब 9 लाख की चपत लगा दी और फरार हो गई। अब संस्था के कर्ताधर्ता न तो फोन रिसीव कर रहे है और ना ही सामने आ रहे है।
लिहाजा पीडि़त लोगों ने जनसुनवाई में कलेक्टर को एक शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें बताया है कि स्वर्णा प्रासन स्मरण शक्ति, बुद्धिवर्धक आयुर्वेदिक नामक संस्था के प्रोप्राइटर इशान पठान पिता जाकिर पठान व मंजू गुप्ता द्वारा पीडि़तों को नौकरी का प्रलोभन दिया, जिसमें बताया गया कि आप 1 वर्ष से लेकर 18 वर्ष तक के बच्चों को घर-घर जाकर आयुर्वेदिक ड्राप पिलाए, जिससे कोविड की आने वाली लहरों से बच्चे प्रभावित नहीं होंगे। चूंकि ड्राप पिलाने का समर्थन जिला अस्पताल की स्टाफ नर्स के पद पर पदस्थ मंजू गुप्ता ने भी किया था, इसीलिए उनकी बात पर विश्वास करना पड़ा।
पीडि़तों ने बताया कि हमें बताया गया था कि प्रत्येक बच्चे का पंजीयन शुल्क 10 रुपये एवं दवाई का चार्ज 120 रुपये कुल 130 रुपये प्रत्येक बच्चे से लेना है, हमने उनकी बात में आकर हजारों बच्चों का रजिस्ट्रेशन किया और उन्हें ड्राप भी पिलाया। जब इतना हो गया, तब संस्था के कर्ताधर्ता द्वारा प्रलोभन दिया गया कि यदि कोई व्यक्ति 1 लाख रुपये दवाई पर निवेश करेगा तो उसे प्रति माह 30 प्रतिशत वेतन के रुप में दिया जाएगा। इस पर कई लोगों द्वारा अपनी जमा पूंजी दवाई पर निवेश कर दी, किंतु बाद में न तो निवेश की गई राशि दी गई और ना ही वेतन दिया गया और ना ही दवाई दी गई। जब प्रोप्राइटर इशान पठान से संपर्क किया तो उसके द्वारा कभी दिल्ली तो कभी कहीं ओर होना बताया गया। अब वह न तो फोन उठा रहा है और ना ही सामने आ रहा है।
किसके साथ कितनी राशि की हुई धोखाधड़ी- सविता प्रजापत 1 लाख 40 हजार, अर्जुन कुंभकार 50 हजार, सविता गेहलोत 50 हजार, ममता 1 लाख 20 हजार, यश 1 लाख 40 हजार, विनय कुमार पेंटर 54 हजार, दीपक मकवाणा 1 लाख 20 हजार, मनीष राव 50 हजार, मनीषा 1 लाख 20 हजार, अजय सोलंकी 50 हजार, अंकुर जैन 30 हजार….. कुल 9 लाख 24 हजार रुपये की चपत लगाई गई।