जलसंकट – बिना अनुमति बोरिंग मशीन लाने पर होगी दो साल की जेल
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कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी आशीष सिंह ने देवास जिले को जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है। जिले में औसत वर्षा की तुलना में 26.30 प्रतिशत वर्षा कम होने से भू-जल स्तर में आवश्यक बढ़ोतरी नहीं होने के कारण पेयजल संकट उत्पन्न होने की संभावना पर यह प्रतिबंध लगाया गया है। संपूर्ण जिले में अशासकीय एवं निजी नलकूप खनन करने पर प्रतिबंध लगाया गया है। कार्यपालन यंत्री के अनुसार जिले में उक्त प्रतिबंध मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 3 के तहत लगाए प्रतिबंध के अनुसार पेयजल हेतु आवश्यकता पड़ने पर ही नलकूप खनन की अनुमति दी जा सकेगी।
*नलकूप खनन की अनुमति नहीं दी जाएगी*
कलेक्टर ने निर्देश दिए है कि कृषि प्रयोजन के लिए नलकूप खनन की अनुमति नहीं दी जाएगी। अनुमति उसी स्थिति में दी जाएगी, जब ग्राम में नलजल योजना न हो या अपेक्षित स्थान से नजदीक कोई सार्वजनिक स्त्रोत जैसे कि हैण्डपम्प, कुआं आदि न हो, 150 मीटर की त्रिज्या (रेडियस) में नलकूप या कुआ स्थित न हो। अनुमति देने के पूर्व यह देखा जाएगा कि नलकूप खनन से आस-पास के जल स्त्रोतों पर विपरित प्रभाव न पड़े, नलकूप की गराई सीमा भी ऐसी रखी जाने के लिए कहा जाएगा। जिससे कि समीपवर्तीय नलकूपों पर उसका प्रभाव न पड़े। नलकूप खनन की अनुमति के लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को अधिकृत किया गया है। सहायक यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से तकनीकी रिपोर्ट एवं अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के उपरांत ही अनुमति दे सकेंगे। निस्तार को छोड़कर अन्य प्रयोजनों के लिए जल उपयोग पर प्रतिबंध कलेक्टर ने जिले में अल्प वर्षा होने के कारण वर्तमान जलस्त्रोतों से पेयजल के अतिरिक्त अन्य प्रयोजनों हेतु जल के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है। उक्त प्रतिबंध जिले में पेयजल संकट की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना को देखते हुए लगाया गया है। आयुक्त नगर पालिक निगम देवास उनके द्वारा दी गई अनुज्ञा की सूचना अनुविभागीय दण्डाधिकारी देवास को खनन के पूर्व प्रदान करेंगे।
*बिना अनुमति के बोरिंग मशीन प्रवेश नहीं करें*
पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 के अंतर्गत जिले के समस्त जलस्त्रोतों यथा बांध, नदी, नहर, जलधारा, झरना, झील, जलाशय, नालाबंधान, नलकूप या कुओं से किसी भी साधन से घरेलू प्रयोजन व निस्तार तथा जिला जल उपयोगिता समिति देवास की बैठक के कार्यवाही विवरण में सिंचाई कार्यों हेतु निर्धारित आरक्षित जल की मात्रा को छोड़कर सिंचाई या औद्योगिक, व्यावसायिक अथवा किसी अन्य प्रयोजन के लिए (पूर्व से अनुमति प्राप्त को छोड़कर) जल उपयोग करने पर प्रतिबंध लगाया गया है। साथ ही जिले में अशासकीय एवं निजी नलकूप खनन पर भी प्रतिबंध लगाते हुए जिले की सीमा क्षेत्र में नलकूप या बोरिंग मशीन (सार्वजनिक सडकों से गुजरने वाली मशीनों को छोड़कर) संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी की अनुमति के बिना न तो प्रवेश करेंगी और न ही खनन करेंगी।
*प्रतिबंध के उल्लंघन पर किया जाएगा दंडित*
श्री राजू ने बताया है कि प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर 2 वर्ष के कारावास या 2 हजार रूपये का जुर्माना या दोनों से दण्डित किए जाने का प्रावधान है। उक्त आदेश 31 जुलाई 2018 तक प्रभावशील रहेगा।